लखनऊ । लोकसभा और राज्यसभा में वक्फ संशोधन बिल पारित होने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने अवैध रूप से वक्फ घोषित संपत्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर सभी जिलों के जिलाधिकारियों को आदेश दिया गया है कि वे अभियान चलाकर अवैध रूप से वक्फ की गई संपत्तियों की पहचान करें और आवश्यक कदम उठाएं। । वही बाराबंकी, सीतापुर, बरेली, जौनपुर, सहारनपुर, बिजनौर, बलरामपुर, मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर, मुरादाबाद और रामपुर जैसे जिलों में इस अभियान को प्राथमिकता दी जा रही है।
राजस्व विभाग के आँकड़े के अनुसार प्रदेश में केवल 2963 संपत्तियां ही वैध रूप से वक्फ रिकॉर्ड में दर्ज हैं, जबकि सुन्नी वक्फ बोर्ड की 124355 और शिया वक्फ बोर्ड की 7785 संपत्तियां पंजीकृत हैं। सरकार को संदेह है कि इनमें से अधिकांश संपत्तियां अवैध रूप से वक्फ घोषित की गई हैं । जिनमें ग्राम समाज की भूमि, तालाब, खलिहान और अन्य सार्वजनिक उपयोग की संपत्तियां शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि कुछ जिलों में तालाबों और अन्य सार्वजनिक संपत्तियों को अवैध रूप से वक्फ घोषित करने के मामले सामने आए हैं। पीलीभीत में एक तालाब की जमीन को लेकर मामला हाईकोर्ट में चल रहा है। इसी तरह कई जिलों में सरकारी जमीन को वक्फ में शामिल करने की शिकायतें आई हैं।
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सरकार के इस कदम पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी आई हैं। समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने कहा कि उनकी आशंका सही साबित हो रही है जबकि भाजपा प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने इसे सरकारी संपत्तियों को बचाने की दिशा में उठाया गया सही कदम बताया। सरकार का कहना है कि जिनके पास वैध दस्तावेज हैं उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है लेकिन अवैध कब्जे वाले मामलों में कानूनी कार्रवाई होगी। इस कार्रवाई से यूपी में सरकारी जमीनों को अवैध वक्फ कब्जे से मुक्त कराने की प्रक्रिया तेज हो गई है और आने वाले समय में बड़े पैमाने पर जमीनों की जब्ती हो सकती है।