नई दिल्ली। कांग्रेस का नया अध्यक्ष गांधी परिवार की कठपुतली होगा, भाजपा की ओर से इस आरोप पर कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ रहे राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने तीखा जवाब दिया है। रविवार को खड़गे ने कहा कि गांधी परिवार से मैंने बहुत अच्छी चीजें सीखी हैं, इसका मतलब ये नहीं है कि 50 साल मैंने कुछ नहीं सीखा, लेकिन अध्यक्ष बनने के बाद गांधी परिवार से अच्छी चीजें पूछूंगा और उनके साथ विचार भी करूंगा।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के मौके पर खड़गे ने रविवार से अपना चुनाव प्रचार शुरू कर दिया। उनके समर्थन में प्रचार करने के लिए दीपेन्द्र हुड्डा, गौरव वल्लभ और नासिर हुसैन ने आधिकारिक प्रवक्ता पद से इस्तीफा दे दिया।
इस दौरान नया अध्यक्ष गांधी परिवार की कठपुतली की तरह काम करने के भाजपा आरोपों का जवाब देते हुए मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि भाजपा हमेशा कांग्रेस को अनदेखा करने की कोशिश करती है। उन्होंने सवाल उठाया कि भाजपा का कब चुनाव हो गया? कितने डेलीगेट्स उनके हैं, कितने लोगों नें नड्डा जी को चुना, जितने भी अध्यक्ष हुए उनको चुनाव होकर चुना गया क्या?
बोले- राजनीति में नहीं आना चाहती थीं सोनिया गांधी, हमने ही तैयार किया
खड़गे ने कहा कि गांधी परिवार ने इस देश को बहुत कुछ दिया है। कुर्बानी दी है, देश के लिए त्याग किया है। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी अध्यक्ष हैं, वो राजनीती में नहीं आना चाहती थीं। हमने ही तैयार किया कि देश को आपकी जरूरत है। सभी दु:खों को एक तरफ रखकर उन्होंने पार्टी को मजबूत बनाया, 10 साल सरकार चली। क्या उस दौरान प्रधानमंत्री बनने की कोशिश की? क्या राहुल को बनाया? मैं उनसे जब अच्छी बातें सीखना चाहता हूं, मैं उनसे और अन्य लोगों से विचार करूंगा, इसका मतलब ये नहीं है कि 50 साल मैंने कुछ नहीं सीखा। खड़गे ने कहा, पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उनसे अध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल होने का अनुरोध किया था। 50 साल से अधिक समय से भाजपा और आरएसएस की विचारधारा के खिलाफ लड़ता रहा हूं। मैं जिस चीज को अपनाता हूं, उसे दिल से करता हूं। मुझे सीनियर लीडर, युवा नेता सबका समर्थन मिला है।
शशि थरूर पर भी बोले
कांग्रेस अध्यक्ष पद के उम्मीदवार शशि थरूर भी हैं, उनके ऊपर थरूर के तमाम बयानों पर खड़गे ने कहा कि शशि थरूर की मर्जी है, वह चुनाव लड़ें या ना लड़ें, उन्होंने मुझे फोन किया था, मैंने कहा एक लड़े। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की बात है, लड़ना चाहिए। यह उनके अपने विचार हो सकते हैं, वो रिफार्म की बात करते हैं। 9300 डिलीगेस्ट्स तय करेंगे। उसके बाद हमारी कमेटी बनेगी, जो बदलाव पार्टी में होना है। जो भी पॉलिसी बनेगी, सबकी सहमति के बाद ही कुछ होगा। मेरे करने की बात नहीं है। हम सब मिलकर करने की बात है। पार्टी में जो भी कमियां होंगी उस पर सोचेंगे और साथ काम करेंगे।
सिर्फ दलित नेता के तौर पर नहीं हूं
खड़गे ने कहा कि मैं यहां पर सिर्फ दलित नेता के तौर पर नहीं हूं। क्या फर्क है आपमें और मुझमें, यहां पर मैं कांग्रेस के कार्यकर्ता के तौर पर लड़ रहा हूं। चुनाव होने के बाद सभी लोग मिलकर फैसला लेंगे। देश में बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी को लेकर केंद्र पर हमला बोलते हुए खड़गे ने कहा कि महंगाई बढ़ती जा रही है, अमीर और अमीर बनता जा रहा है और गरीब और गरीब होते जा रहे हैं, भाजपा ने एक भी वादा अभी तक नहीं निभाया है। उन्होंने सभी नेताओं, कार्यकर्ताओं का धन्यवाद दिया और कहा कि उन्होंने ही मुझे अध्यक्ष पर चुनाव लड़ने की प्रेरणा दी और कहा कि जब समान विचारधारा के लोग एक साथ नहीं रहते तो मजबूती से मुकाबला नहीं हो सकता। मैं सबसे विनती करूंगा कि हमको समर्थन दें। सभी डेलिगेट का सहयोग चाहता हूं। पार्टी की बुनियादी विचारधारा के लिए लड़ता रहूंगा। जी-23 के नेताओं का समर्थन मिलने पर उन्होंने कहा कि अभी जी-23 नहीं है। सबसे मिलकर काम करना है। हमारे युवाओं, राज्य के नेताओं ने कहा कि गांधी परिवार चुनाव में नही है, आप लड़िए, लोगों और नेताओं का समर्थन है। हम सभी के कैंडिडेट हैं। पार्टी को बचाना चाहते हैं, भाजपा के खिलाफ लड़ना चाहते हैं।
क्या कहा था भाजपा नेताओं ने
बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष पद की दौड़ में मल्लिकार्जुन खड़गे के उतरने के बाद भाजपा ने शुक्रवार को तंज कसा। भाजपा ने कहा कि वह एक ‘कठपुतली’ साबित होंगे और ‘रिमोट’ से नियंत्रित होंगे। भाजपा के सूचना-प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने एक ट्वीट में कहा कि 80 वर्ष की उम्र में मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस के लिए प्रेरक पसंद हैं। वह युवा हैं, ऊर्जावान हैं और कांग्रेस को अपने पुनरुद्धार के लिए जिसकी जरूरत है, उसके अनुरूप हैं। उन्हें मनमोहन सिंह (पूर्व प्रधानमंत्री) से ‘रिमोट कंट्रोल से संचालित’ होने के तौर-तरीकों को अपना लेना चाहिए। इससे सब कुछ सुलझ जाएगा।
भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने भी एक ट्वीट में कहा कि अशोक गहलोत के परिवार (गांधी परिवार) का साथ खोने के बाद अब 80 वर्षीय मल्लिकार्जुन खड़गे को रिमोट से नियंत्रित ‘कठपुतली’ के रूप में चुना गया है, जिन्हें कांग्रेस के आधिकारिक उम्मीदवार के रूप में भी देखा जा रहा है। उनके नामांकन के मुकाबले थरूर का नामांकन फीका रहा। क्या आपको नहीं लगता कि यह मैच खड़गे के लिए फिक्स है?