लखनऊ। उत्तर प्रदेश को अपना पहला जलवायु परिवर्तन ज्ञान केंद्र अब जल्द मिल जाएगा। प्रदेश के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. अरुण कुमार ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह केंद्र नए साल में काम करना शुरू कर देगा।

यह जलवायु परिवर्तन केंद्र जलवायु परिवर्तन जागरूकता और राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय तकनीकी संस्थानों के साथ नेटवर्किंग के लिए संचार सामग्री तैयार करेगा। इसके जरिए प्रदेश की जलवायु में परिवर्तन पर बारीक नजर रखी जा सकेगी।

मंत्री डॉ. अरुण कुमार ने बताया कि जलवायु परिवर्तन के जोखिमों के सन्दर्भ में जलवायु विज्ञान, नीति निर्माता व विकास कार्यकर्ताओं के बीच एक सेतु का निर्माण किया जाना है, ताकि सरकारी एजेंसियों व स्थानीय समुदायों को रणनीतिगत योजना निर्माण में मदद की जा सके। इससे जलवायु परिवर्तन के खतरों का बेहतर ढंग से सामना किया जा सकेगा। इस केंद्र का मुख्य उद्देश्य जलवायु परिवर्तन सम्बन्धी ज्ञान का भंडार निर्मित करना है।

वहीं, उत्तर प्रदेश स्टेट नॉलेज नेटवर्क के तहत पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग तत्व फाउंडेशन, लखनऊ एवं गोरखपुर एनवायरनमेंट एक्शन ग्रुप के सहयोग से एक सोशल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म और शेल्टर भी विकसित करेगा। मंच क्षेत्रीय भाषाओं में व्यक्तिगत जलवायु परिवर्तन संबंधी जानकारी का आदान-प्रदान करने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता और मशीन लर्निंग का उपयोग करेगा।

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