दिल्ली । काठमांडू: नेपाल की राजधानी में राजशाही समर्थकों के हिंसक प्रदर्शन के बाद हालात सामान्य होने लगे हैं। पूर्वी काठमांडू में शनिवार सुबह कर्फ्यू हटा दिया गया। शुक्रवार को हुई हिंसा में दो लोगों की मौत हुई, जिसमें एक टीवी कैमरामैन शामिल था। स्थिति संभालने के लिए सेना बुलानी पड़ी। प्रदर्शनकारियों ने सरकारी और निजी वाहनों को आग लगा दी, दुकानों में लूटपाट की और एक राजनीतिक दल के कार्यालय पर हमला किया। पुलिस की कार्रवाई में 112 लोग घायल हुए जिनमें 53 पुलिसकर्मी और 35 प्रदर्शनकारी शामिल हैं। 105 से अधिक प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया जिनमें राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के नेता भी शामिल हैं।
राजशाही की बहाली की मांग–नेपाल में 2008 में राजशाही समाप्त कर लोकतांत्रिक गणराज्य बना दिया गया था। हाल ही में पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह के वीडियो संदेश के बाद राजशाही और हिंदू राष्ट्र की बहाली की मांग को लेकर प्रदर्शन तेज हो गए। दुर्गा प्रसाई के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा बैरिकेड तोड़ संसद भवन की ओर बढ़ने की कोशिश की जिससे हिंसा भड़क गई। प्रदर्शनकारियों ने मीडिया हाउसों पर भी हमला किया। सरकार ने कड़ी कार्रवाई करते हुए सुरक्षा बढ़ा दी है और दोषियों पर सख्त कदम उठाने की बात कही है। इस प्रदर्शन ने नेपाल में राजनीतिक अस्थिरता की स्थिति को और गहरा कर दिया है।