मुर्शिदाबाद हिंसा: जलते घर, डरे लोग और राहत की तलाश

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पश्चिम बंगाल
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ संशोधन कानून के विरोध में भड़की हिंसा ने जनजीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है।

दिल्ली । पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ संशोधन कानून के विरोध में भड़की हिंसा ने जनजीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है। सूती, शमशेरगंज, जंगीपुर और धूलियान जैसे इलाकों में शुक्रवार को उग्र भीड़ ने सड़कों पर आगजनी, तोड़फोड़ और पथराव किया। पुलिस के साथ टकराव में अब तक तीन लोगों की मौत और कई घायल हो चुके हैं। घरों में आग लगा दी गई, दुकानें लूटी गईं और सैकड़ों लोगों को अपना घर छोड़कर भागना पड़ा। लगभग 500 लोगों ने भागीरथी नदी पार कर मालदा जिले में शरण ली है जहां स्कूलों को अस्थायी शरण स्थल बना दिया गया है। महिलाएं और छोटे बच्चे भी इस दर्दनाक पलायन का हिस्सा हैं।

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इलाके में फिलहाल 800 बीएसएफ और कई कंपनियों की सीआरपीएफ तैनात की गई है। इंटरनेट बंद कर दिया गया है और कर्फ्यू जैसा माहौल बना हुआ है। हाईकोर्ट ने हिंसा पर कड़ा रुख अपनाते हुए केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश दिया है। राजनीति भी गरमाई हुई है — बीजेपी ने ममता सरकार को घेरा है जबकि मुख्यमंत्री ने हिंसा रोकने की अपील की है। मौलानाओं ने भी साफ किया कि हिंसा करने वाले इस्लाम के सिद्धांतों को बदनाम कर रहे हैं। फिलहाल हालात काबू में हैं लेकिन डर अब भी लोगों के दिलों में बना हुआ है।

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