परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों को राज्य कर्मचारी का दर्जा दिया जाए- राजेंद्र प्रसाद गंगवार

ऑनलाइन हाजिरी व्यवस्था का विरोध जारी

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बरेली@LeaderPost। परिषदीय विद्यालयों में डिजिटल अटेंडेंस (ऑनलाइन हाजिरी) का विरोध लगातार जारी है वहीं  शिक्षक संगठन एकजुट होकर ऑनलाइन हाजिरी व्यवस्था को तत्काल प्रभाव से समाप्त करने की मांग पर अड़े हुए हैं।

इसी क्रम में सोमवार को शिक्षक, शिक्षा मित्र, अनुदेशक, कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के तत्वावधान में सिविल लाइंस स्थित दामोदर स्वरूप पार्क में बड़ी संख्या में शिक्षक एकत्र हुए। शिक्षक नेता राजेंद्र प्रसाद गंगवार ने कहा कि प्रदेश सरकार ने परिषदीय स्कूलों में ऑनलाइन हाजिरी व्यवस्था लागू कर दी है जोकि सरासर गलत है जबकि राज्य सरकार के अन्य विभागों में ऑनलाइन हाजिरी व्यवस्था लागू नहीं है बल्कि उनको तमाम सरकारी सुविधाएं उपलब्ध हैं।

यूटा के जिलाध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने कहा कि यदि सरकार परिषदीय स्कूलों में ऑनलाइन हाजिरी व्यवस्था लागू करना चाहती है, तो परिषदीय शिक्षकों को भी राज्य कर्मचारी की तरह वर्ष में तीस अर्जित अवकाश (ईएल) और आकस्मिक छुट्टी (हाफ सीएल) दी जाएँ।

वहीं शिक्षा मित्र वेलफेयर एसोसिएशन के केपी सिंह ने कहा सरकार परिषदीय शिक्षकों की तुलना निजी स्कूलों के शिक्षकों से की जा रही है। जबकि निजी स्कूलों के शिक्षक केवल शिक्षण कार्य करते हैं और परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों से शिक्षण कार्य के अलावा सभी तमाम गैर-शिक्षण कार्य कराएं जाते हैं जो कि सरासर गलत है। इसके बावजूद भी परिषदीय स्कूलों में डिजिटल अटेंडेंस व्यवस्था लागू करके अन्याय किया गया है। शिक्षक संगठन इसके खिलाफ आर-पार की लड़ाई लडेगा।

इस अवसर पर शिक्षक नेता नरेश गंगवार, योगेश शर्मा, प्रियंका शुक्ला, मुनीश गंगवार, प्रवेश कुमारी यादव, महेंद्र सिंह गुर्जर, चंद्रा देवरिया, ज्योति गुप्ता, होतम सिंह गंगवार समेत तमाम शिक्षक मौजूद रहे।

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