यूपी के मैनपुरी के लोकसभा उप चुनाव पर सबकी नजरें हैं। वहीं, ताजा खबर यह है कि सपा प्रत्याशी डिंपल यादव के समर्थन को लेकर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) के अध्यक्ष शिवपाल यादव ने बुधवार को अपना रुख साफ कर दिया है। शिवपाल यादव सपा प्रत्याशी डिंपल यादव के लिए वोट मांगेंगे या नहीं और मैनपुरी उपचुनाव में सपा का समर्थन करेंगे या नहीं? इन सवालों के जवाब को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई थी, लेकिन अब संशय साफ हो गया है।
असल में, बुधवार को प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल यादव ने सैफई में प्रसपा कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की। यह बैठक उन्होंने अचानक बुलाई और उसमें मैनपुरी उपचुनाव के हालात को लेकर प्रसपा कार्यकर्ताओं से चर्चा की। बता दें कि एक दिन पहले ही मंगलवार को भाजपा ने मैनपुरी लोकसभा उप चुनाव के लिए अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया था। भाजपा ने सपा प्रत्याशी डिंपल यादव के मुकाबले रघुराज सिंह शाक्य को चुनाव मैदान में उतारा है।
रघुराज सिंह पूर्व सांसद और पूर्व विधायक हैं और खास बात यह है कि वह सपा और प्रसपा में भी रहे हैं। दोनों पार्टियों में रहते वह शिवपाल यादव के बेहद करीबी रहे। शिवपाल जब सपा से अलग हुए तो रघुराज सिंह भी उनके साथ चले गए। शिवपाल सिंह ने प्रसपा का गठन किया तो वह भी प्रसपा में शामिल हो गए। शिवपाल ने रघुराज सिंह शाक्य को प्रसपा का प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया था, लेकिन गत विधानसभा चुनाव के दौरान शाक्य भाजपा में शामिल हो गए थे। इसके बाद से ही वह भाजपा में हैं।
भाजपा ने डिंपल यादव के मुकाबले के लिए मैनपुरी उपचुनाव में रघुराज सिंह शाक्य को दांव लगाने के लिए चुना है तो लाजिमी है कि मुकाबला मजबूत माना जा रहा है। वजह यह कि मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र में मौर्य-शाक्य वोटों की तदाद भी अच्छी-खासी है। चूंकि काफी समय से शिवपाल यादव की सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से नाराजगी की खबरें आ रही थीं। गाहे-बगाहे, यह भी चर्चा चलती रहती है कि शिवपाल भाजपा के साथ भी जा सकते हैं लेकिन इन कयासों को कभी बल नहीं मिला और खुद प्रसपा अध्यक्ष ऐसी खबरों पर चुप्पी साधे रहे।
अलबत्ता, पिछले महीने अक्टूबर में सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद जिस तरह से शिवपाल यादव कंधे पर हाथ रखकर अखिलेश यादव को लगातार सांत्वना देते दिखे, उसके बाद से यह माना जाने लगा था कि दोनों के रिश्ते अब सही हो जाएंगे। प्रसपा अध्यक्ष की ओर से इसको लेकर सकारात्मक संदेश भी दिया गया लेकिन हाल ही में एक बार फिर दोनों के रिश्तों को लेकर तल्खी दिखी, जब सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने डिंपल यादव को मैनपुरी लोकसभा सीट पर उपचुनाव में पार्टी का प्रत्याशी घोषित किया।
दरअसल, कयास यह भी लगाए जा रहे थे कि मुलायम सिंह यादव के निधन से रिक्त हुई मैनपुरी लोकसभा सीट पर सपा या तो शिवपाल को या फिर उनकी मर्जी से किसी को प्रत्याशी बनाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। डिंपल यादव के चुनाव में उतरने के बाद से यह माना जा रहा था कि नाराज शिवपाल का रुख सपा के खिलाफ हो सकता है, इसलिए भी, क्योंकि भाजपा ने उनके खास रहे रघुराज सिंह शाक्य को प्रत्याशी बनाया है।
डिंपल यादव की उम्मीदवारी के बाद शिवपाल यादव के रुख को लेकर इसलिए भी संशय की स्थिति ज्यादा था, क्योंकि गत सोमवार को जब डिंपल यादव ने नामांकन कराया तो उसमें न तो शिवपाल शामिल हुए, न ही उनके बेटे आदित्य यादव वहां दिखे। मीडिया ने इस बारे में जब प्रोफेसर रामगोपाल यादव से सवाल किया तो उन्होंने जवाब दिया था कि शिवपाल से पूछकर ही डिंपल यादव को प्रत्याशी बनाया गया है, क्या फर्क पड़ता है, वो आएं, न आएं।
डिंपल यादव ने मैनपुरी में कराया नामांकन, शिवपाल के न पहुंचने पर जानिए क्या बोले प्रो. रामगोपाल