
दिल्ली। महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर (पूर्व में औरंगाबाद) में स्थित मुगल सम्राट औरंगजेब की कब्र को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। हिंदू संगठनों विशेषकर विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल द्वारा कब्र हटाने की मांग के बीच राज्य में राजनीतिक बहस तेज हो गई है। सोमवार को इन संगठनों ने राज्यभर में प्रदर्शन किए और औरंगजेब को गुलामी का प्रतीक बताते हुए उसकी कब्र को हटाने की मांग की।
वहीं महाराष्ट्र सरकार ने इस विवाद को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि इस मामले पर विशेषज्ञों को निर्णय लेने देना चाहिए। कांग्रेस और शिवसेना के नेताओं ने इसे एक ऐतिहासिक मुद्दा बताते हुए राजनीति से परे रहने की अपील की है। विश्व हिंदू परिषद के नेता गोविंद शेंडे ने कहा कि औरंगजेब एक क्रूर शासक था। जिसने छत्रपति संभाजी महाराज को बेरहमी से मार डाला था। इसलिए उसकी कब्र का अस्तित्व हिंदू समाज के लिए असहनीय है। इसी बीच बजरंग दल के नितिन महाजन ने भी चेतावनी दी कि अगर सरकार ने कब्र हटाने का कदम नहीं उठाया तो यह बाबरी मस्जिद जैसे हश्र का सामना कर सकता है।
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विवाद की गंभीरता को मद्दे नजर रखते हुअ महाराष्ट्र पुलिस ने औरंगजेब की कब्र के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी है। कई स्थानों पर बैरिकेड्स लगाकर लोगों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है। जिसके चलते अब यह कब्र बाहर से ही देखी जा सकती है और उसके पास जाने की अनुमति नहीं है। कुल मिलाकर औरंगजेब की कब्र को लेकर चल रहा विवाद अब एक राजनीतिक और सामाजिक मुद्दा बन चुका है जो राज्य के हिंदू-मुस्लिम समीकरणों पर गहरा असर डाल सकता है।