दिल्ली । वक्फ संशोधन विधेयक पर समर्थन के चलते जदयू में भारी असंतोष पनप रहा है। पार्टी के पांच वरिष्ठ नेताओं के इस्तीफा दिया । जिसके बाद अब औरंगाबाद से 20 से अधिक मुस्लिम पदाधिकारियों ने सामूहिक रूप से पार्टी छोड़ दी है। इस्तीफा देने वालों में अफरीदी रहमान जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं। उन्होंने अपने घर से पार्टी का बोर्ड भी हटाया और नीतीश सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
लोकसभा और राज्यसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पास होने के बाद यह विरोध तेज हुआ है। जदयू सांसदों द्वारा विधेयक के समर्थन ने पार्टी के मुस्लिम वर्ग को नाराज़ कर दिया है। इस्तीफा देने वाले नेताओं का आरोप है कि यह विधेयक मुस्लिम समुदाय के अधिकारों पर हमला है और नीतीश कुमार की धर्मनिरपेक्ष छवि को धूमिल करता है।
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राजू नैयर,तबरेज सिद्दीकी समेत कई नेताओं ने इसे ‘काला कानून’ बताया है। तबरेज ने अपने त्यागपत्र में लिखा कि पार्टी अब धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के साथ नहीं खड़ी है। उन्होंने नीतीश कुमार पर आरोप लगाया कि वे भाजपा की नीतियों का समर्थन कर मुसलमानों के भरोसे को तोड़ रहे हैं। एआईएमपीएलबी पहले ही सभी धर्मनिरपेक्ष दलों से विधेयक का विरोध करने की अपील कर चुका है। अब राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद यह कानून बन जाएगा। आने वाले विधानसभा चुनावों में जदयू को इसका राजनीतिक नुकसान उठाना पड़ सकता है।