नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अपने बड़े फैसले में भूतपूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे छह दोषियों को रिहा करने का आदेश दिया है। शीर्ष अदालत ने हत्या के दोषी नलिनी और पी रविचंद्रन समेत 6 दोषियों की रिहाई करने के संबंध में फैसला सुनाया है।
नलिनी श्रीहरन और रविचंद्रन ने 30 साल से ज़्यादा वक़्त जेल में गुजार चुके हैं। 18 मई को सुप्रीम कोर्ट ने राजीव गांधी हत्याकांड में एक और दोषी पेरारिवलन को रिहाई के आदेश दिया था। बाकी दोषियों ने भी उसी आदेश का हवाला देकर अदालत से रिहाई की मांग की थी।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नलिनी श्रीहरन, मुरुगन, संथन, जयकुमार, रॉबर्ट पॉयस और रविचंद्रन की रिहाई संभव हो जाएगी।
कोर्ट ने कहा कि दोषी तीन दशक से ज्यादा समय से जेल में बंद है। इस दौरान उनका बर्ताव भी अच्छा रहा है।
न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना ने कहा कि दोषी पेरानीवलन की रिहाई का आदेश इस मामले में अन्य दोषियों पर भी लागू होता है। शीर्ष अदालत ने 18 मई को पेरारिवलन को रिहा करने का आदेश दिया था। उन्होंने जेल में 30 साल से अधिक सजा काटी थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस मामले में अब तक राज्यपाल की ओर से कोई फैसला नहीं लिया गया है, ऐसे में हम अपना आदेश सुना रहे हैं।
बता दें कि राजीव गांधी हत्याकांड के सात दोषियों ने समय से पहले रिहाई की मांग की थी। तमिलनाडु सरकार ने राजीव गांधी हत्याकांड के दोषियों नलिनी श्रीहरन और आरपी रविचंद्रन की समय से पहले रिहाई का समर्थन किया था।
गौरतलब है कि 31 साल पहले 21 मई 1991 को तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पेरम्बदूर में आत्मघाती हमले में हत्या की गई थी।