लक्ष्य 2024 है और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष भारत को जोड़ने का संदेश देते हुए सात सितंबर को 3570 किलोमीटर की पैदल यात्रा पर निकल चुके हैं। कन्याकुमारी से कश्मीर तक पैदल चलकर पांच महीने जनता से संवाद करेंगे। क्या हिलेगी भाजपा की सत्ता?
-थाम तिरंगा निकल पड़े हैं देश को बचाने।
गांधी के अनुयायी निकले, हिंद को एक बनाने।।
-#BharatJodoYatra देश बदलेगी, परिवर्तन लाएगी।
-अभी तो मीलों चलना है, मिलकर अपना भारत जोड़ना है।
-देश के लिए, हमारे नागरिकों के लिए, बच्चों और युवाओं के भविष्य के लिए एकजुट होना पड़ेगा, डर को छोड़ना पड़ेगा, भारत को जोड़ना पड़ेगा।
-हम सब साथ मिलकर अपना भारत जोड़ेंगे।
इन नारों के साथ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सात सितंबर की शाम तमिलनाडु के कन्याकुमारी से कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा की औपचारिक शुरूआत कराई। यात्रा की शुरुआत करने के बाद उन्होंने टवीट किया-
तिरंगा हमारी एकता और विविधता की पहचान है, हमारा स्वाभिमान है।
आज, तिरंगे को हाथों में लेकर #BharatJodoYatra का पहला कदम लिया।
उन्होंने यात्रा को लेकर और भी टवीट किए-
लाखों रंग समेटे हुए, ये इंद्रधनुष का वेश है।
कन्याकुमारी से कश्मीर तक, जुड़ रहा मेरा देश है।
मैं आ रहा हूं, आपके शहर, आपके गांव, आपकी गली, आपसे मिलने। हम सब साथ मिलकर अपना भारत जोड़ेंगे।
जाहिर है कि कांग्रेस सत्ता वापसी के लिए छटपटा रही कांग्रेस की नजर अब 2024 के लक्ष्य पर है। यह यात्रा इसी की कड़ी है और केंद्र की मोदी सरकार की नीतियों को मुद्दा बनाकर राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा पर निकले हैं। कन्याकुमारी से शुरू होकर कश्मीर तक जाने वाली यह यात्रा करीब 150 दिन में 3570 किलोमीटर की दूरी तय करके लोगों को कांग्रेस से जोड़ने का काम करेगी। यात्रा 12 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों से होते हुए कश्मीर पहुंचेगी। यात्रा के लिए कांग्रेस ने 119 नेताओं के नामों की सूची तैयार की है, जो शुरू से लेकर अंत तक पदयात्रा में शामिल रहेंगे। इस सूची में राहुल गांधी के साथ कांग्रेस के युवा नेता कन्हैया कुमार, पवन खेड़ा और पंजाब के पूर्व मंत्री विजय इंदर सिंगला के भी नाम हैं।
यात्रा का शुभारंभ तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालीन, अशोक गहलोत, भूपेश बघेल ने राहुल गांधी को खादी का तिरंगा सौंपकर किया। इसके बाद राहुल गांधी ने मंच से यात्रा का औपचारिक आगाज किया।
ये हैं यात्रा के मुद्दे, राहुल बोले- हम भारत के लोगों को सुनना चाहते हैं
राहुल गांधी ने यात्रा का आगाज करते हुए जनसभा में यात्रा की जरूरत और मकसद के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि देश आज मुश्किल दौर से गुजर रहा है। आज सबको जोड़ने की जरूरत है। इस यात्रा का मकसद सांप्रदायिकता के खिलाफ और धर्मनिरपेक्ष भावना के लिए देश के लोगों को जोड़ना, करोड़ों भारतीयों की आवाज को बुलंद करना, देश में मौजूदा समस्याओं के बारे में सीधे जनता से संवाद स्थापित करना है। भारत जोड़ो यात्रा को भारत के लोगों की आवाज को सुनने के लिए डिजाइन किया गया है। उन्होंने कहा कि हम आरएसएस और भाजपा की तरह भारत के लोगों की आवाज को दबाना नहीं चाहते, हम भारत के लोगों को सुनना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि आज हमारी हर संस्था पर बीजेपी और आरएसएस के हमले हो रहे हैं। उन्हें लगता है कि तिरंगा उनकी निजी संपत्ति है और वे अकेले ही इस देश और सभी राज्यों के लोगों का भविष्य निर्धारित कर सकते हैं। भारत अपने लोगों पर एक विचार थोपने का नाम नहीं है। हर एक व्यक्ति का इतिहास, भाषा और संस्कृति है भारत।
राहुल गांधी ने कहा कि आज देश में ऐसा क्या हो रहा है कि इतने सारे लोग, लाखों-करोड़ों लोग महसूस करते हैं कि भारत को एक साथ लाने के लिए कदम उठाने की आवश्यकता है? आज भारत अपने सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। बेरोजगारी का उच्चतम स्तर जो हमने कभी नहीं देखा है। दुर्भाग्य से, मीडिया के हमारे दोस्त पूरी तरह से नियंत्रित हैं। इसे हर कोई समझता है लेकिन टेलीविजन पर आप कभी बेरोजगारी या महंगाई नहीं देखेंगे। आप केवल प्रधानमंत्री की छवि देखेंगे। बीजेपी सरकार ने इस देश के किसानों, मजदूरों और छोटे व मध्यम व्यवसायों पर व्यवस्थित हमला किया है। मुट्ठी भर बड़े कारोबारी आज पूरे देश को नियंत्रित करते हैं। हर एक उद्योग को मुट्ठी भर उद्योगपतियों द्वारा नियंत्रित किया जाता है। राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें लगता है कि वे ईडी, सीबीआई और इनकम टैक्स का इस्तेमाल कर विपक्ष को डरा सकते हैं। समस्या यह है कि वे भारतीय लोगों को नहीं समझते हैं। चाहे वे कितने भी घंटे की पूछताछ करें, एक भी विपक्षी नेता बीजेपी से नहीं डरने वाला है। बीजेपी सोचती है कि वे इस देश को धर्म और भाषाओं के आधार पर बांट सकते हैं। इस देश को विभाजित नहीं किया जा सकता है।
क्या कांग्रेस को मजबूती देगी यह यात्रा
भारत जोड़ो यात्रा कांग्रेस को कितनी मजबूती देगी, यह बताना अभी मुश्किल है लेकिन इतना जरूर है कि 2024 के लक्ष्य को लेकर वह इस यात्रा के जरिए लोगों की नजर में अपनी सक्रियता जरूर दिखा पाएगी। कुछ महीने पहले हुए विधानसभा चुनाव के नतीजों ने जिस तरह से कांग्रेस को हाशिए पर ला दिया, उससे लोगों को कांग्रेस बेहद कमजोर दिखने लगी। अब चूंकि गुजरात और राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने हैं इसलिए कांग्रेस इस सक्रियता से लोगों की नजरों में चढ़ेगी। वैसे, महंगाई और आर्थिक नीतियों पर भाजपा सरकार के प्रति असंतुष्ट लोगों को अगर कांग्रेस इस यात्रा के जरिए जोड़ सकी तो 2024 में निश्चित तौर पर वह भाजपा को मुश्किलें पेश कर सकती है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि ऐसा नहीं कि भाजपा की नीतियों से लोग नाराज नहीं हैं। नाराज हैं लेकिन उनको विपक्ष में कोई मजबूत विकल्प नहीं दिख रहा। अगर इस यात्रा के जरिए राहुल गांधी यदि संवाद करके लोगों को केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ खड़ा कर पाए तो भाजपा को उनसे पार पाने में मुश्किल पेश आएगी।
प्रियंका ने भी यात्रा को दी मजबूती, सोनिया बोलीं- मैं आत्मिक रूप से यात्रा में शामिल
चूंकि कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा राहुल गांधी की अगुवाई में निकल रही हे इसलिए वह अकेले नहीं हैं, यह संदेश देने के लिए सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी भी इस यात्रा को कामयाब बनाने में जुटी हैं। प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया में अपने संदेशों के जरिए इस यात्रा का महत्व बताया है। वहीं, सोनिया गांधी ने सोशल मीडिया पर संदेश देकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं से कहा कि वह वैचारिक ओर आत्मकि रूप से यात्रा में शामिल हैं।
यात्रा की प्रमुख टैगलाइन
-महंगाई से नाता तोड़ो, मिलकर भारत जोड़ो
-बेरोजगारी का जाल तोड़ो, भारत जोड़ो
-नफरत छोड़ो, भारत जोड़ो
-संविधान बचाएंगे, मिलकर भारत जोड़ेंगे
-मिले कदम, जुड़े वतन
यात्रा का गीत-
एक तेरा कदम, एक मेरा कदम, मिल जाए जुड़ जाए अपना वतन है…