पर्यावरण प्रेमी बोले- विकास के नाम पर नहीं चाहिए प्रदूषण
वन एवं पर्यावरण मंत्री के ही शहर में पेड़ों को काटने पर जताया अफसोस
शहर में चौकी चौराहा स्‍थ‍ित गांधी प्रतिमा पर धरने पर बैठे जागरूकजन
डीएम को संबोधित ज्ञापन देकर उठाई पेड़ों का कटान अव‍िलंब रोकने की मांग

बरेली। स्‍मार्ट सिटी के कार्यों के लिए शहर के प्रमुख मार्गों पर बड़े और पुराने छायादार वृक्षों को बेतहाशा काटे जाने का पर्यावरण प्रेमियों ने गांधीवादी तरीके से विरोध किया। सिविल सोसाइटी संस्‍था के बैनर तले पर्यावरण प्रेमियों ने मंगलवार को धरना दिया। इस दौरान डीएम को संबोधित ज्ञापन देकर पर्यावरण प्रेमियों ने कहा क‍ि विकास जरूरी है लेकिन इसके लिए शहर की हरियाली खत्‍म हो किया जाना मंजूर नहीं।

पर्यावरण प्रेमियों ने अफसोस जाहिर करते हुए कहा क‍ि वन एवं पर्यावरण मंत्री के ही अपने शहर में पेड़ों का यह कटान और दुखद है। उन्‍होंने डीएम से पेड़ों के कटान पर तत्‍काल रोक लगाने और काटे गए पेड़ों के मामले की जांच कर जिम्‍मेदार लोगों पर कार्रवाई की मांग भी की।

जागरूकजनों का कहना है क‍ि पिछले कुछ समय से बरेली में रोड के चौड़ीकरण के नाम पर सैकड़ों हरे भरे पेड़ काट दिए गए, जिससे बरेली की हवा आज एयर पोलूशन में AQI Level 200 पार कर गई है, जो जहरीली हवा की श्रेणी में आता है। पेड़ सिर्फ ऑक्सीजन देने का काम ही नहीं करते हैं, बहुत सारे पशु पक्षियों का घर भी होते हैं, जिनकी चिंता करना मानवीय रूप से हम सबकी जिम्मेदारी है।

पर्यावरण प्रेमियों ने कहा क‍ि विकास के नाम पर घने छायादार और बड़े पेड़ों को काटना अंतिम विकल्प होना चाहिए, मगर बड़े पैमाने पर ऐसे भी पेड़ काटे गए, जिनको काटना गैर जरूरी था। कुछ ऐसे भी पेड़ काटे गए, जो रोड सर्विस रोड परिधि से भी बाहर थे।

जागरूकजनों का कहना है क‍ि विकास आवश्यक है मगर प्रकृति और पर्यावरण के साथ खिलवाड़ करके पूर्णता अनुचित है। इस मौके पर सपा के पूर्व प्रवक्ता मयंक शुक्ला मोंटी, सिविल सोसाइटी के संयोजक राजनारायण, करिश्मा, सम्‍यून खान, अब्दुल जब्बार, दानिश खान, लकी शाह, हरजीत सिंह, अंकित आर्य, इस्राफील राशमी, वक़ार खान, अंकित प्रताप सिंह, सैयद अमान आदि लोग मौजूद रहे।

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