पाप और अन्‍याय का विरोध करें, सज्‍जनों के पक्ष में खड़े हों: संजीव दीक्षित

0
30

बरेली। श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में भगवान श्री राम और श्री कृष्ण के जन्म के प्रसंग सुनाते हुए कथा व्यास पंडित संजीव दीक्षित महाराज ने कहा कि संसार को अन्याय और अत्याचार से मुक्त कराने के लिए हर कालखण्ड में भगवान किसी न किसी रूप में अवतरित होते हैं, लेकिन प्रत्येक मनुष्य का भी यह दायित्व है कि वह पाप और अन्याय का विरोध करे, सज्जनों के पक्ष में खड़ा हो। कथा व्‍यास ने कहा कि मनुष्य के रूप में अवतार लेने के बाद परम् ब्रह्म के अवतारी भगवान श्री राम और श्री कृष्ण ने भी मानव जीवन की समस्त मर्यादाओं का पूरी तरह से पालन करते हुए संसार को पापियों के अत्याचार से मुक्त कराया था। कथा ज्ञान यज्ञ में पहुंचे प्रदेश के वन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा. अरुण कुमार ने भगवान का आशीर्वाद प्राप्त करने के बाद कहा कि इस तरह के धार्मिक और सामाजिक आयोजनों से समाज में आपसी सदभाव बढ़ता है और लोगों में रचनात्मकता का विकास होता है।

मां अन्नपूर्णा मंदिर बसंत बिहार फेज टू में चल रहे श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के पांचवें दिन कथा व्यास पंडित संजीव दीक्षित महाराज ने कहा कि त्रेतायुग में रावण के अत्याचारों से मनुष्यों को मुक्ति दिलाने के लिए भगवान श्री राम ने राजा दशरथ के यहां जन्म लिया तो द्वापर युग में कंस के पापों का अन्त करने के लिए भगवान श्री कृष्ण अवतरित हुए। उन्होंने कहा कि मानव रूप में जन्म लेने के बाद भगवान भी सामाजिक मर्यादा से पूरी तरह बंधे रहे। भगवान राम ने पिता की आज्ञा पालने के लिए 14 वर्ष का वनवास सहर्ष स्वीकार किया और प्रजा के कहने पर अपने प्रिय पत्नी का त्याग किया। इसी तरह भगवान श्री कृष्ण को भी जन्म के तुरन्त बाद अपनी माता से अलग होकर मातृसुख से वंचित होना पड़ा। कथा व्‍यास ने कहा क‍ि भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण का जीवन हमें बताता है कि महापुरुषों को समाज के उद्धार के लिए कष्टों को सहना ही पड़ता है।

कथा पंडाल में भगवान का आशीर्वाद लेने पहुंचे प्रदेश के वन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा. अरुण कुमार ने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा के श्रवण से लोगों में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जिससे समाज तेज गति से सही दिशा में विकास करता है। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म का मूल दर्शन वसुधैव कुटुम्बकम की अवधारणा पर टिका हुआ है। हमारे यहां समस्त जीव जन्तु ही नहीं, अपितु वनस्पतियों को भी पूजनीय माना गया है। पर्यावरण संतुलन और मानव जीवन के अस्तित्व के लिए इन वनस्पतियों के महत्व को हमारे पूर्वजों ने बहुत पहले पहचान लिया था। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार धार्मिक और पर्यावरणीय महत्व के बरगद, पीपल आदि हरिशंकरी पौधों के रोपण का अभियान चलाया है।
इस अवसर पर व्यापारी नेता अशोक कुमार सक्सेना, अनिल मिश्रा, सुनीता सक्सेना, अरुण जौहरी, अभय जौहरी, विक्की, सोनू, नेहा समेत तमाम भक्त मौजूद रहे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here