अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर माइली ने बुधवार को घोषणा की कि उनका देश विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) से बाहर निकलने की प्रक्रिया शुरू करेगा। यह कदम डब्ल्यूएचओ के स्वास्थ्य प्रबंधन और कोविड-19 महामारी के दौरान लिए गए फैसलों पर गंभीर असहमति के कारण उठाया गया है। राष्ट्रपति माइली ने कहा कि डब्ल्यूएचओ के दिशा-निर्देशों ने “मानव इतिहास का सबसे बड़ा लॉकडाउन” लागू करने में भूमिका निभाई, और उन्होने साफ शब्दों में कहा की अर्जेंटीना किसी भी अंतरराष्ट्रीय संगठन को अपनी संप्रभुता में हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं देगा।
खबरों के मुताबिक बताया जा रहा है कि यह कदम अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले से मिलता-जुलता है, जिन्होंने जनवरी में अमेरिका को डब्ल्यूएचओ से बाहर करने की प्रक्रिया शुरू की थी। अर्जेंटीना की वार्षिक डब्ल्यूएचओ योगदान राशि लगभग 8 मिलियन डॉलर है, जो अमेरिका के योगदान की तुलना में बहुत कम है, इसलिए वित्तीय प्रभाव सीमित रह सकता है।
इस फैसले के बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या अन्य देश भी डब्ल्यूएचओ से बाहर जाएंगे और क्या राष्ट्रपति माइली अन्य अंतरराष्ट्रीय संधियों से भी बाहर निकलने का विचार करेंगे। हालांकि, माइली के प्रवक्ता ने इस बारे में कोई स्पष्ट संकेत नहीं दिया है।