रूह को झकझोर कर देने वाली अवैध प्रवासियों की अनसुनी कहानी-जसपाल जो की गुरुदासपुर के हरदोवाल गांव का निवासी है, 6 महीने बाद घर लौटा। वह जुलाई में अमेरिका जाने के लिए निकला था, लेकिन उसे अमेरिका पहुंचने में 6 महीने लगे, जिसमें वह ब्राजील में 5-6 महीने बिताने के बाद किसी तरह से अमेरिका की सीमा में दाखिल हुआ। वहां से उसे अमेरिकी बॉर्डर पेट्रोल ने पकड़ लिया और 11 दिन तक हिरासत में रखने के बाद उसे डिपोर्ट कर दिया। जसपाल ने बताया कि उसे यात्रा के दौरान हाथों में हथकड़ियां और पैरों में बेड़ियां पहनाई गईं। वह और उसके जैसे अन्य प्रवासी यह समझ नहीं पाए थे कि उन्हें कहां भेजा जा रहा है, जब तक एक पुलिस अधिकारी ने उन्हें बताया कि वे भारत वापस जा रहे हैं।
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जसपाल का कहना है कि उसने 30 लाख रुपये खर्च किए थे, लेकिन एजेंट ने उसे धोखा दिया और अवैध तरीके से अमेरिका पहुंचने पर मजबूर किया। ब्राजील में, जसपाल बेवतन होकर छिपते-छिपते दिन बिताता रहा, क्योंकि उसके पास कोई वैध दस्तावेज नहीं थे। अमेरिका से लौटे प्रवासियों की यह स्थिति सिर्फ जसपाल की नहीं, बल्कि उसके जैसे कई और लोगों की भी है जिन्होंने अमेरिकी सपने के पीछे अपना सब कुछ खो दिया। परिवारों की मुश्किलें बढ़ गईं, लेकिन अब जब वे घर लौटे हैं, तो वे राहत की सांस ले रहे हैं, हालांकि उनके सपनों का टूटना उनके दिलों में गहरी छाप छोड़ गया है अब ये प्रवासी अपने देश लौट आए हैं, लेकिन उनका भविष्य क्या होगा, यह सवाल अनसुलझा है।