वाशिंगटन। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी- नासा ने शनिवार को आर्टेमिस आई मून मिशन के तहत ओरियन अंतरिक्ष यान को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश करने की प्रक्रिया को पूरा किया। ओरियन चंद्रमा से लगभग 40 हजार मील (64,400 किलोमीटर) ऊपर उड़ान भरेगा।

ह्यूस्टन में नासा के जॉनसन स्पेस सेंटर में ओरियन को प्रक्षेपित किया गया। ओरियन चंद्रमा की सतह से 5,700 मील से अधिक की यात्रा कर रहा था, जो मिशन के दौरान चंद्रमा से सबसे अधिक दूरी तक पहुंचेगा। चंद्र कक्षा में रहते हुए उड़ान नियंत्रक प्रमुख प्रणालियों की निगरानी करेंगे और गहरे अंतरिक्ष के वातावरण में चेकआउट करेंगे।

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने एक बयान में कहा क‍ि कक्षा की दूरी के कारण चंद्रमा के चारों ओर आधी कक्षा पूरी करने में ओरियन को लगभग एक सप्ताह लगेगा, जहां यह वापसी की यात्रा के लिए कक्षा से बाहर निकल जाएगा। लगभग चार दिनों के बाद अंतरिक्ष यान एक बार फिर से चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण बल का उपयोग करेगा। नासा के अनुसार, ओरियन 25 दिनों की उड़ान के बाद 11 दिसंबर को प्रशांत महासागर में लैंडिंग होगी।

नासा ने कहा क‍ि शनिवार को ओरियन अंतरिक्ष यान मनुष्यों को अंतरिक्ष में ले जाने और उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाने के लिए डिजाइन किए गए अंतरिक्ष यान द्वारा तय की गई सबसे दूर की दूरी के रिकॉर्ड को तोड़ देगा।

इस मिशन की सफलता 2024 में आर्टेमिस 2 मिशन का भविष्य तय करेगी, जो अंतरिक्ष यात्रियों को बिना लैंडिंग के चंद्रमा के चारों ओर ले जाएगा। इसके बाद साल 2025 में आर्टेमिस 3, जो आखिर में मानव को चंद्रमा की सतह पर लेकर जाएगा।

बता दें क‍ि साल 1972 में आखिरी अपोलो मिशन के बाद चंद्रमा की सतह पर पैर रखने वाला यह पहला अंतरिक्ष यान है। इस यान में तीन परीक्षण डमी को भी रखा गया है।

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