दिल्ली । पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद और मालदा जिलों में वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ हुई हिंसा अब राजनीतिक रूप ले चुकी है। तीन मौतों और सैकड़ों लोगों के पलायन के बाद राज्यपाल डॉ. सीवी आनंद बोस ने हालात का जायजा लेने का फैसला किया। जबकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन्हें ऐसा न करने की अपील की थी।
राज्यपाल ने साफ किया है कि वह जमीनी हकीकत केंद्र सरकार को बताएंगे। संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत अगर राज्यपाल को लगे कि सरकार असफल हो चुकी है तो वे राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर सकते हैं। हालांकि ऐसा होना आसान नहीं होता। इसके लिए संसद की मंजूरी और सुप्रीम कोर्ट की समीक्षा भी जरूरी होती है। फिर भी रिपोर्ट में गंभीर खामियां ममता सरकार के लिए चिंता बढ़ा सकती हैं।
बीजेपी ने जहां राष्ट्रपति शासन की मांग की है वहीं टीएमसी ने राज्यपाल पर राजनीतिक साजिश का आरोप लगाया है। साथ ही महिला आयोग और मानवाधिकार आयोग की टीमें भी प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रही हैं। अब सबकी नजरें राज्यपाल की रिपोर्ट और केंद्र के अगले कदम पर टिकी हैं। मुर्शिदाबाद हिंसा अब बंगाल की सियासत का बड़ा मुद्दा बन गई है।