कोलकाता। गुजरे जमाने के अभिनेता और अब भाजपा के नेता मिथुन चक्रवर्ती ने पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले पंचायत चुनावों में ममता बनर्जी की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को हराने के लिए ऐसा सुझाव दे डाला है, उससे भाजपा भी हैरान है।

दरअसल, मिथुन चक्रवर्ती ने राजनीतिक विचारधारा के दो विरोधी धुव्र दक्षिणपंथ और वामपंथ में अनौपचारिक समझौता करने का सुझाव दिया है। उनका कहना है क‍ि ऐसा ही प्रयोग सत्ता में आने के लिए ममता बनर्जी ने कांग्रेस से अनौपचारिक समझौता करके किया था। इसकी वजह से ही पश्चिम बंगाल में वाम मोर्चा उखड़ सका।

मिथुन चक्रवर्ती ने आसनसोल में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि जिस तरह पश्चिम बंगाल में वर्ष 2011 के विधानसभा चुनाव से पहले 34 साल के वाम मोर्चा शासन को गिराने के लिए सभी विपक्षी ताकतों के बीच एक समझ थी, ठीक उसी तरह की समझ तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ सभी राजनीतिक ताकतों के बीच होनी चाहिए।

पत्रकारों ने मिथुन चक्रवर्ती से सवाल किया कि क्या वह भाजपा और वाम मोर्चा के बीच एक आधिकारिक समझौते की वकालत कर रहे हैं। इसके जवाब में उन्होंने स्पष्ट किया कि आधिकारिक तौर पर इसकी घोषणा नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2011 के विधानसभा चुनावों से पहले तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस के बीच एक आधिकारिक समझ थी, तब भाजपा राज्य में एक मार्जिनल राजनीतिक ताकत थी। उसने भी अप्रत्यक्ष रूप से परिवर्तन फेक्टर में योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक विचारधाराओं में मतभेद हो सकते हैं, लेकिन अभी जरूरत है तो सभी राजनीतिक ताकतों की एकता की। मिथुन चक्रवर्ती ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बदलते राजनीतिक गठजोड़ का उदाहरण भी दिया।

मिथुन चक्रवर्ती ने कहा क‍ि ममता बनर्जी तृणमूल कांग्रेस शुरू करने से पहले कांग्रेस के साथ थीं। इसी तरह मैं तृणमूल के साथ था, लेकिन अब मैं भाजपा के साथ हूं। मैं ममता बनर्जी का बहुत बड़ा फॉलोअर हूं। मैं वही कर रहा हूं जो उन्होंने किया है।”

तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने मिथुन चक्रवर्ती के द्वारा की गई टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा क‍ि उनकी टिप्पणी से साबित होता है कि भाजपा पश्चिम बंगाल में कितनी भ्रमित है। ये सभी सिनेमाई संवाद हैं, इन्हें ज्यादा महत्व नहीं दिया जाना चाहिए।

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