यह सदी मानव इतिहास की सभी प्रचलित धारणाएं वर्जनाएं तोड़ने को आमादा हैं। विज्ञान व तकनीक हमारी यानी इंसानी सोच को अंनत के भी पार ले जाने को बेताव है। प्रणव मिस्त्री- एक भारतीय नाम है। इनकी लैब यानी प्रयोगशाला में तैयार हो रहे हैं इंसान- कृत्रिम मानव। इसकी झलक दिखी है- लास बेगास में। जब काम पूरा हो जाएगा तब क्या वाकई बदल जाएगी समुची मानव सभ्यता।

-डाॅ. पवन सक्सेना

कृत्रिम मानव! कृत्रिम इसलिए क्योंकि यह जैविक नहीं कम्प्यूटाराइज होगा लेकिन दिखने और व्यवहार में बिल्कुल मानव जैसा ही होगा। इसमें भी संवेदनाएं होंगी। यह भावनाएं भी प्रकट कर सकेगा और चतुराई, चालाकी, सोच मानवीय जैसी ही होगी पर यह भटकेगा बिल्कुल नहीं- एकाग्रता इसमें गजब की होगी। यह धुन का पक्का होगा, जिस काम में लगा दो, वह कर के ही रहेगा, क्योंकि यह लक्ष्य केन्द्रित कामों के लिए ही बनाया जाएगा। असल में, यह वे सारे काम करेगा, जिसमें मानवीय संवेदनाओं की आवश्यकता होती है। यह पढ़ा भी सकेगा और एंकरिंग भी कर पाएगा।
जी हां, यह कोरी कल्पना नहीं है। ऐसा कृत्रिम मानव तैयार करने का काम चल रहा है अपने देश में, जो मानवीय संवेदनाओं से परिपूर्ण होगा। इसे तैयार करने का काम सैंमसंग स्टार लैब में किया जा रहा है। इस लैब के कम्प्यूटर वैज्ञानिक प्रणव मिस्त्री के नेतृत्व में लैब्स की तकनीकी टीम मानवीय संवेदनाओं वाला कृत्रिम मानव तैयार करने में जुटी हुई है। हाल में सामने आई एक रिपोर्ट के अनुसार लैब्स के तकनीकी दिग्गजों ने कृत्रिम मानव बनाने की संवभावना तलाश ली है।
रिपोर्ट के अनुसार इस कृत्रिम मानव को तैयार करने में कुछ वक्त लग सकता है। कुछ वर्ष या एक दशक भी, क्योंकि इसके लिए लैब में कुछ खास तकनीक तैयार करने में कुछ अभी थोड़ा वक्त लग जाएगा

प्रणव मिस्त्री

शो में पेश की झलक
सैमसंग स्टार लैब्स ने जनवरी के प्रथम सप्ताह में अमेरिका के लास वेगस में आयोजित कंज्यूमर इलेक्ट्रानिक शो में कृत्रिम मानव की झलक प्रस्तुत की। इसके बाद ही लैब्स की ओर से पहले कृत्रिम मानव को ईजाद करने के लिए काम किए जाने का खुलासा हो सका। शो से पहले तक लैब्स की ओर से इस कार्य को गोपनीय रखा गया था

निऑन होगा नाम
शो में सैमसंग स्टार लैब्स के कम्प्यूटर वैज्ञानिक प्रणव मिस्त्री ने खुलासा किया कि तैयार किए जा रहे कृत्रिम मानव को निऑन नाम दिया गया है। निऑन अर्थात निओ (नया) और हयूमैन (मानव) शब्द से मिलाकर बनाया गया है, जिसका मतलब है नया मानव।

होगा वास्तविक मानव जैसा
निऑन यों तो कम्प्यूटराइज कृत्रिम मानव होगा लेकिन यह एआई असिस्टेंट या कोई अन्य वाॅयस असिस्टेंट जैसा न होकर मानवीय संवेदनाओं से मुक्त होगा। लैब्स की ओर से फौरी तौर पर यह दावा किया जा चुका है कि निऑन कृत्रिम होकर भी वास्तविक मानव जैसा ही होगा, जिससे रुबरु होकर वास्तविकता और कृत्रिमता का कोई फर्क नहीं रहेगा। यह पूरी तरह से मानवीय भावनाओं को अभिव्यक्त करेगा। यह हर किसी से उसके ही भाव और अंदाज में बात कर पाएगा। यह बुद्विमान और स्मरण शक्ति वाला होगा। अन्य एआई (कृत्रिम बुद्विमता वाले) किसी भी सवाल का जवाब सर्च करके ही दे पाते हैं लेकिन निऑन वास्तविक और वास्तविक मानव के मौमोरी के मुताबिक ही सही समय पर जबाव हाजिर कर देगा।

ऐेसे करेगा काम
मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि सैमसंग स्टार लैब्स ने निऑन के लिए तकनीकी का जो खाका तैयार किया है उसके मुताबिक, निऑन में मानवीय भावनाओं की अभियक्ति सैमसंग की कोर आर- 3 तकनीकी प्लेटफार्म पर आधारित होगी। कोर आर- 3 कई तकनीक का ऐसा संयोजन होता है, जिसमें व्यवहारात्मक तंत्रिका नेटवर्क बीएनएन और कम्प्यूटेशनल रियलिटी शामिल होती है। इसके जरिए निऑन को जीवंत रियलिटी और रियल टाइम रिस्पांस हासिल होगा। निऑन को बुद्विमान बनाने के लिए तकनीकी विशेषज्ञ स्पेक्टरा प्लेटफाॅर्म का इस्तेमाल किया जा रहा है। स्पेक्टरा प्लेटफाॅर्म को अगले कुछ माह में नियोवल्र्ड 2020 में पेश करने की योजना है।

कंपनियों का करेगा प्रतिनिधित्व
सैमसंग स्टार लैब्स का मकसद निऑन को बड़ी कंपनियों के प्रतिनिधि के रूप में तैयार करने का है। निऑन को कोई भी कंपनी अपने प्रतिनिधि के तौर पर रख सकेगी और वे इंटरफेस की तरह उस कंपनी की जानकारी को लोगों से संवाद कर मुहैया कराएंगे।

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