मथुरा। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने भगवान श्रीकृष्ण जन्मस्थली मथुरा को उसके द्वापर काल जैसा वैभव लौटने की कवायद तेज कर दी है। इसी कड़ी में चार साल में 400 करोड़ रुपये की 102 परियोजनाओं में से 75 फीसद पूरी कर ली गई हैं। इसको आगे बढ़ाते हुए अब सरकार मथुरा में भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं को जीवंत करेगी। उनसे जुड़े स्थलों का कायाकल्प करेगी।
भगवान श्रीकृष्ण एवं श्री राधारानी की लीलास्थली रहे पवित्र ब्रज भूमि को भगवान श्रीकृष्ण का नित्यवास स्थल माना जाता है। ये लीला स्थल आज भी श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों की आस्था के केंद्र हैं। साल भर यहां देश-विदेश के पर्यटकों का आना रहता है। इसमें ब्रज क्षेत्र के वृन्दावन, बरसाना, नंदगांव, गोवर्धन, राधाकुण्ड, गोकुल, बल्देव एवं मथुरा स्थल धार्मिक लिहाज से सबसे प्रमुख हैं। इनको ब्रज का धरोहर माना जाता है। राधा रानी और भगवान श्रीकृष्ण से जुड़े सभी आठ स्थलों को सरकार तीर्थ स्थल घोषित कर चुकी है। यहां के प्रमुख पर्वो (रंगोत्सव कृष्णोतस्व एवं कुम्भ पूर्व वैष्णव बैठक) को भव्य स्वरूप प्रदान किया गया। देश-विदेश में इसकी जमकर ब्रांडिंग भी की गई।
इन धरोहरों की पुनप्र्रतिष्ठा के उद्देश्य से ही योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद का गठन किया। ब्रज चौरासी कोस में मथुरा जनपद की सीमा में आने वाली जगहों का नियोजित, समन्वित और सर्वांगीण विकास के साथ ब्रज की विरासत और संस्कृति का संरक्षण के लिए गठन के बाद से ही ब्रज तीर्थ विकास परिषद लगातार काम कर रहा है। नंदगांव, गोवर्धन, गोकुल, महावन स्थित रसखान समाधि, चिन्ताहरण महादेव घाट, ब्रह्माण्ड घाट, भाण्डीर वन, भद्रवन, बंशीवट आदि धार्मिक स्थलों का तीर्थ एवं पर्यटन की दृष्टि से विकास कराया जा चुका है।
उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के गठन के बाद बरसाना एवं नंदगांव की विश्व प्रसिद्ध लट्ठमार होली को राजकीय मेला घोषित किया गया है। रंगोत्सव एवं श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के माध्यम से ब्रज की सांस्कृतिक कलाओं को प्रदर्शित करने के लिए यहां के लोक कलाकारों को एक बेहतर अवसर प्राप्त हुआ है। केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने प्रसाद योजना के तहत करीब 40 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की मंजूरी दी है। इसके तहत गोवर्धन का समेकित विकास कराया जा रहा है।
बता दें कि योगी सरकार के प्रयास का ही नतीजा रहा कि वर्ष 2017 से 2019 के दौरान यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या 5.6 करोड़ से बढ़कर 7.2 करोड़ तक पहुंच गई। वर्ष 2020 और 2021 दो साल वैश्विक महामारी कोविड के कारण प्रभावित रहे। 2022 में यह संख्या फिर बढ़ रही है। मार्च 2022 तक यहां 0.98 करोड़ पर्यटकों का आगमन हुआ था। यह संख्या वर्ष 2020 में आने वाले 1.1 करोड़ पर्यटकों से थोड़ा ही कम है। इस बार जन्माष्टमी के दिन मुख्यमंत्री खुद मथुरा में थे। इस जन्माष्टमी में वहां 20 लाख से अधिक पर्यटक एवं श्रद्धालुओं का यहां आना हुआ।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने पहले कार्यकाल से ही मथुरा का द्वापरकालीन वैभव लौटाने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं। बता दें कि योगी सरकार ने श्रीकृष्ण जन्मस्थली की पुनर्प्रतिष्ठा के लिए वर्ष 2018 से 2022 तक लगभग 400 करोड़ रुपये की 102 परियोजनाएं स्वीकृत कीं। इनमें से 75 फीसद पूरी हो चुकीं हैं। सबसे पहले उप्र ब्रज तीर्थ विकास परिषद का गठन कर उन्होंमुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मथुरा ही नहीं राधा-कृष्ण की लीलास्थली रही पूरे ब्रज क्षेत्र के विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जाहिर कर दी थी। उनके दूसरे कार्यकाल में मंत्रिपरिषद के समक्ष हुए प्रस्तुतिकरण में भी पर्यटन विभाग ने धार्मिक लिहाज से जिन पांच शहरों को वैश्विक स्तर की सुविधाओं से संतृप्त करने का लक्ष्य रखा, उनमें मथुरा भी है। बाकी शहर- काशी, अयोध्या, चित्रकूट और गोरखपुर हैं।