महाकुंभ के दौरान 28-29 जनवरी की रात भगदड़ में कई श्रद्धालुओं की जान चली गई, जिससे मेला क्षेत्र में भारी अफरातफरी मच गई। इस मुश्किल घड़ी में प्रयागराज के मुस्लिम समुदाय ने गंगा-जमुनी तहजीब का अनूठा उदाहरण पेश किया। उन्होंने अपने घरों और मस्जिदों के दरवाजे श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए, ताकि उन्हें रात में ठंड और खाने-पीने की समस्या न हो।
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खुलदाबाद, हिम्मतगंज, चौक मस्जिद जैसे इलाकों में मुस्लिम समुदाय ने न केवल श्रद्धालुओं को ठहराया, बल्कि उन्हें खाना, चाय और कंबल भी उपलब्ध कराए। इसके साथ ही, जिन श्रद्धालुओं को दवाओं की जरूरत थी, उनकी तीमारदारी भी की गई। कई मुस्लिमों ने रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड तक श्रद्धालुओं को पहुंचाया, ताकि वे सुरक्षित घर लौट सकें।इस साहसिक कदम से मुस्लिम समुदाय ने न सिर्फ मानवता को प्राथमिकता दी, बल्कि धर्मनिरपेक्षता की एक मिसाल भी पेश की।