नई दिल्ली। देश में नागरिक उड़ानों में यात्रा के दौरान सिखों को कृपाण ले जाने की अनुमति का विरोध करने वाली एक जनहित याचिका दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को खारिज कर दी। यह जनहित याचिका अधिवक्ता हर्ष विभोर सिंघल की ओर से दायर की गई थी। याचिका में केंद्र सरकार की ओर से चार मार्च 2022 को जारी अधिसूचना को चुनौती दी गई थी, जिसमें सिख यात्रियों को विमान में कृपाण ले जाने की अनुमति दी गई है।

दिल्ली हाईकोर्ट ने 15 दिसंबर को याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की खंडपीठ ने कहा था कि हम इस तरह के निर्णय में हस्तक्षेप नहीं कर सकते। यह भारत सरकार का नीतिगत निर्णय है।

याचिकाकर्ता ने दावा किया कि इस मुद्दे पर विचार के लिए हितधारकों की एक समिति गठित की जानी चाहिए। इस पर हाईकोर्ट ने कहा था कि सरकार की नीति में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए, जब तक कि यह मनमाना न हो।

याची ने कहा था कि वह सिखों के अधिकारों पर सवाल नहीं उठा रहा है, बल्कि चाहता है कि हितधारक इस मुद्दे की जांच करें।

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