नयी दिल्ली। वायु प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए हाथ मिलाते हुए भारत और स्वीडन ने औद्योगिक उत्सर्जन कम करने के लिए विभिन्न तकनीकी समाधानों पर मंगलवार को चर्चा की और स्वीडन के एक मंत्री ने कहा कि उनके देश का 2030 तक कार्बन मुक्त इस्पात एवं कार्बन मुक्त सीमेंट बनाने का लक्ष्य है। उधर, स्वीडन की रानी सिल्विया यहां अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) गयीं और उन्होंने वहां के अध्यापकों के साथ स्मृति लोप (डिमेंशिया) के शिकार मरीजों को इस प्रतिष्ठित संस्थान द्वारा प्रदान की जा रही उपचार पद्धतियों के बारे में बातचीत की।
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— Sweden in India (@SwedeninIndia) December 3, 2019
भारत के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार वी के राघवन तथा पर्यावरण, कृषि और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालयों के अधिकारियों ने स्वीडन के राजा कार्ल गुस्ताफ की अगुवाई में आये वहां के एक प्रतिनिधिमंडल से पर्यावरण समस्याओं के तकनीकी समाधान के मुद्दों पर चर्चा की। गुस्ताफ ने वनों की गुणवत्ता सुधारने के महत्व के बारे में बात की और माना कि बातचीत में उन्होंने सकारात्मक महसूस किया। उन्होंने कहा कि वन बहुत महत्वपूर्ण है। सभी को मिलकर काम करना है।