अब कॉलेज में जूनियर्स की रैगिंग करना सीनियर छात्रों के लिए महंगा पड़ सकता है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने रैगिंग के खिलाफ सख्त कदम उठाने के लिए नए नियम जारी किए हैं। इसके तहत, छात्रों के लिए एक हेल्पलाइन नंबर और ईमेल आईडी जारी की गई है, ताकि अगर कोई छात्र रैगिंग या किसी सीनियर के द्वारा परेशान किया जाए, तो वह अपनी शिकायत आसानी से दर्ज करा सके। UGC का कहना है कि ऐसी शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी और रैगिंग को एक गंभीर अपराध माना जाएगा।
यूजीसी ने संस्थानों से यह भी आग्रह किया है कि वे छात्रों के बीच रैगिंग के खिलाफ जागरूकता फैलाने के लिए नियमित सेमिनार और वर्कशॉप आयोजित करें। साथ ही, ई-प्रॉस्पेक्टस और ब्रोशर में भी एंटी-रैगिंग चेतावनियों को शामिल किया जाए।
यह भी देखें : EC ने केजरीवाल से मांगा सबूत, ‘यमुना के पानी में जहर’ वाले बयान पर दिया नोटिस
यदि कोई छात्र रैगिंग का शिकार हो, तो उसे राष्ट्रीय एंटी-रैगिंग हेल्पलाइन (1800-180-5522) या हेल्पलाइन ईमेल (helpline@antiragging.in) से सहायता प्राप्त करने की सलाह दी गई है। इसके अतिरिक्त, संस्थान और छात्र यूजीसी की वेबसाइट (www.ugc.gov.in) पर और जानकारी प्राप्त कर सकते हैं साथ ही, गंभीर मामलों में विश्वविद्यालयों के प्रिंसिपल और रजिस्ट्रार को जवाबदेह ठहराया जाएगा और उन्हें राष्ट्रीय एंटी-रैगिंग निगरानी समिति के सामने अपनी सफाई देनी होगी। यूजीसी ने देशभर में सर्प्राइज चेक करवाकर नियमों के पालन की निगरानी करने का भी आदेश दिया है।