मुंबई। शेयर बाजार के बेताज बादशाह समझे जाने वाले दिग्गज निवेशक राकेश झुनझुनवाला नहीं रहे। 5 जुलाई 1960 को मुंबई में जन्मे 62 वर्षीय राकेश झुनझुनवाला ने रविवार सुबह (14 अगस्त) को किडनी समेत कई बीमारियों से जूझते हुए मुंबई के ब्रीच केंडी अस्पताल में अंतिम सांस ली। वह अपने पीछे पत्नी और तीन बच्चों को छोड़ गए हैं। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने भी शोक जताया।
हाल ही में अपनी एयरलाइन सेवा ‘अकासा एयर’ शुरू करने वाले झुनझुनवाला को शेयर बाजार की दुनिया में मिसाल के तौर पर हमेशा जाना जाता रहेगा। उन्होंने शून्य से शिखर तक की यात्रा की और इसके लिए वह शेयर बाजार के बिगबुल और भारत के ‘वॉरेन बफे’ कहे जाते थे। फोर्ब्स की 2021 की लिस्ट के अनुसार, वह भारत के 36वें सबसे अमीर व्यक्ति थे। दलाल स्ट्रीट से जुड़े लोग कहा करते थे कि झुनझुनवाला पत्थर को भी छू लें तो सोना हो जाए।
दरअसल, शेयर बाजार में उनके निवेश करने का तरीका और समझ बहुत खास थी। जानकर हैरत होती है कि उन्होंने 36 साल पहले वर्ष 1985 में महज पांच हजार रुपये से अपने निवेश का सफर शुरू किया था और आज उनकी नेटवर्थ करीब उनकी नेटवर्थ 5.8 अरब डॉलर (करीब 46,000 करोड़ रुपये) थी। कहा जाता है कि निवेश में धैर्य रखकर उन्होंने इतनी ज्यादा दौलत कमाई थी। आज राकेश झुनझुनवाला के पोर्टफोलियो में जो शेयर हैं, उनमें टाइटन, टाटा मोटर्स, स्टार हेल्थ एंड एलायड इंश्योरेंस कंपनी, मेट्रो ब्रांड्स, फोर्टिस हेल्थकेयर, नजारा टेक्नोलॉजीज, डीबी रियल्टी और टाटा कम्युनिकेशंस जैसे शेयर भी शामिल हैं और टाइटन में उनका सबसे बड़ा निवेश है।
जिंदादिली की मिसाल भी थे
झुनझुनवाला को कामयाबी की मिसाल के साथ ही जिंदादिली के लिए भी जाना जाता था। वर्ष 1985 में, जब लोग शेयर बाजार के बारे में बहुत कम जानते थे और निवेश से डरा करते थे, तब साधारण परिवार के राकेश झुनझुनवाला ने महज 5000 रुपये से ट्रेडिंग शुरू की। 1986 में उन्होंने टाटा के करीब 5000 शेयर 43 रुपये के हिसाब से खरीदे। महज तीन महीनों में ही शेयर की कीमत 143 रुपये हो गई। हर शेयर पर उन्हें 100 रुपये का मुनाफा हुआ। इस तरह उन्हें 5 लाख रुपये का तगड़ा मुनाफा हुआ।
ऐसे शुरू किया कामयाबी का सफर
राकेश झुनझुनवाला के पिता कर अधिकारी थे। वह अपने दोस्तों से शेयर बाजार के बारे में चर्चा करते थे। राकेश झुनझुनवाला पिता की बातों को ध्यान से सुनते थे और धीरे-धीरे उनकी दिलचस्पी शेयर बाजार में बढ़ी। कॉलेज की पढ़ाई के दौरान उन्होंने शेयर बाजार में पैसे लगाना शुरू कर दिए। वह चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) थे लेकिन इसका काम करने के बजाय राकेश ने शेयर बाजार में निवेशक बनना मुनासिब समझा।
शुरुआत में राकेश झुनझुनवाला के पास शेयर बाजार में निवेश करने के लिए बिल्कुल भी पैसा नहीं था, सिर्फ समझ थी और रिस्क लेने का जज्बा था, सो उन्होंने अपने भाई के कुछ क्लाइंट से पैसे उधार लेकर शेयर बाजार में निवेश शुरू किया। उन्होंने सभी को एफडी से ज्यादा रिटर्न देने का वादा किया था। हालांकि उन्होंने कई बार शेयर बाजार में किए निवेश में बड़ा झटका भी झेला। काफी नुकसान हुआल लेकिन उनका मानना था कि वह हर नुकसान से सबक लेते थे लेकिन उन्होंने जोखिम उठाने में कभी कोई गुरेज नहीं किया। झुनझुनवाला का मानना था कि देश-दुनिया के घटनाक्रम से शेयर बाजार में उठापटक होती है इसलिए वह रोजाना अखबार बढ़ा करते थे। इसके आधार पर निवेश किया करते थे।
वह RARE एंटरप्राइजेज नाम की निजी ट्रेडिंग फर्म चलाते थे। इसके पहले दो शब्द ‘RA’ राकेश झुनझुनवाला के नाम के पहले दो शब्द हैं, जबकि दूसरे दो अक्षर ‘RE’ उनकी पत्नी रेखा झुनझुनवाला के नाम के पहले दो अक्षर हैं।