अमेरिकी समाज में “दौलतमंदों का बोलबाला”, बाइडन ने कहा- इनके चंगुल से देश को निकालना जरूरी
बाइडेन का फेयरवेल भाषण: ‘धनी वर्ग का बढ़ता प्रभाव लोकतंत्र के लिए खतरा’
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अपने फेयरवेल भाषण में देश के सामने कुछ गंभीर मुद्दे उठाए। उन्होंने कहा कि अमेरिका में दौलतमंदों का बढ़ता प्रभाव लोकतंत्र के लिए खतरे का संकेत है। बाइडेन ने चेतावनी दी कि मुट्ठीभर लोग, जो अत्यधिक संपत्ति और शक्ति के मालिक हैं, लोकतंत्र को कमजोर कर सकते हैं। इसके परिणामस्वरूप, आम नागरिकों के अधिकारों और निष्पक्ष अवसरों पर संकट आ सकता है।
बाइडेन ने कहा कि अमेरिकी समाज में शक्ति का केंद्रीकरण खतरनाक होता जा रहा है, और देश को इस चंगुल से बाहर निकालने की जरूरत है ताकि सभी को समान अवसर मिल सकें। उन्होंने कहा कि अमेरिका का विचार केवल एक व्यक्ति की उपज नहीं है, बल्कि यह दुनियाभर से आए विभिन्न पृष्ठभूमियों के लोगों का योगदान है।
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इसके अलावा, बाइडेन ने प्रेस की स्वतंत्रता और गलत सूचनाओं के प्रसार पर भी चिंता जताई। उन्होंने बताया कि आजकल स्वतंत्र मीडिया पर दबाव बढ़ गया है, और गलत सूचनाओं से निपटना एक बड़ी चुनौती बन गई है।
अपने प्रशासन की उपलब्धियों पर बाइडेन ने कहा कि नाटो को मजबूत करना, गन सेफ्टी कानूनों का पालन करवाना और बुजुर्गों के लिए दवाइयों की कीमतें कम करना उनकी सरकार की बड़ी उपलब्धियाँ रही हैं, जिनका देश को लंबे समय तक लाभ मिलेगा।
बाइडेन ने अपने भाषण में देशवासियों से अपील की कि वे लोकतंत्र की रक्षा के लिए एकजुट हों और इन समस्याओं का समाधान खोजने के लिए मिलकर काम करें। उनका यह संबोधन न केवल अमेरिका बल्कि वैश्विक परिप्रेक्ष्य में भी महत्वपूर्ण है।