90 घंटे काम की बहस में कूदे कैपिटलमाइंड के संस्थापक दीपक शिनॉय

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इन दिनों कॉर्पोरेट दुनिया में हफ्ते में काम के घंटों को लेकर एक तीखी बहस बाजी चल रही है। इस बहस में एक नया रुख तब आया जब कैपिटल माइंड के संस्थापक और सीईओ, दीपक शेनॉय ने हफ्ते में 100 घंटे काम करने का दावा किया। अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर दीपक शेनॉय ने लिखा कि उन्होंने अपने करियर के दौरान हफ्ते में 100 घंटे तक काम किया है, खासकर जब वह एक उद्यमी थे। हालांकि, उन्होंने यह भी बताया कि काम के घंटों को बढ़ाने की कोई आवश्यकता नहीं है, और जो लोग प्रेरित नहीं होते, वे खुशी से काम करेंगे।

दीपक का कहना है कि हर दिन केवल 4 से 5 घंटे का वास्तविक कार्य होता है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया कि ये 4 से 5 घंटे कौन से कार्य होते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि मीटिंगों को काम के घंटों में शामिल करना उनके लिए मुश्किल था, क्योंकि अक्सर मीटिंगों में काम से अधिक समय लगता है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी साझा किया कि अगर वे खेलते हैं तो पूरी ताकत से खेलते हैं और काम करते समय भी पूरी तरह से खुद को समर्पित करते हैं।

दीपक ने सलाह दी कि लोग अपनी कार्य-रीतियों के अनुसार काम करें, क्योंकि इसी से उन्हें सफलता मिलेगी और उनकी आय भी बढ़ेगी। उनका मानना है कि घड़ी की ओर बार-बार देखे बिना काम करने वाले ही सफल होते हैं।

हाल ही में, लार्सन एंड टूब्रो (L&T) के चेयरमैन, एसएन सुब्रमण्यम ने भी हफ्ते में 90 घंटे काम करने की बात कही थी, जिसके बाद एक विवाद पैदा हो गया था। एक मीटिंग में कर्मचारियों द्वारा वर्क-लाइफ बैलेंस पर सवाल पूछे जाने के बाद उन्होंने कहा था कि उन्हें अफसोस है कि वह रविवार को काम नहीं ले पा रहे हैं, और यहां तक कह दिया कि “आप घर पर अपनी पत्नी को कितनी देर तक देखेंगे?” इस बयान ने सोशल मीडिया पर काफी बहस छेड़ दी थी।

इसके पहले, इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति ने भी हफ्ते में 70 घंटे काम करने की बात कही थी, जिसके कारण उन्हें भी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था।

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