कोलकाता: आरजीकर रेप-मर्डर केस में कोर्ट आज सुनाएगी फैसला
कोलकाता के आरजी-कर मेडिकल कॉलेज में एक 31 वर्षीय ट्रेनी डॉक्टर से बलात्कार और निर्दयतापूर्ण-निर्मम हत्या के मामले में आज सियालदह कोर्ट अपना अहम फैसला सुनाएगी। इस मामले ने न केवल कोलकाता ही नही, बल्कि देशभर को झकझोर कर रख दिया एंव आक्रोश-विरोध के लहर की अग्नि को और भी ज्वलंत कर दिया। डॉक्टरों ने एवं समाज के हर तपके वर्ग के लोगों ने चिकित्साकर्मियों ने इस जघन्य अपराध के खिलाफ तीखा विरोध प्रदर्शन, हड़ताले,अनशन पर बैठना अपने कामों को लंबे समय तक स्थगित कर दिया था,वहाँ की सरकार की उदासीनता और कॉलेज प्रशासन के विरोध में।
ममता सरकार की “सरकार” एवं सुरक्षा नीतियों पर मढ़े गए प्रश्नचिन्ह पूछता है कोलकाता का युवा-देश का युवा…..

युवोओं का कहना है जहाँ हम इस लोकतांत्रिक देश में रहते है अपने राज्य का नेता चुनते है जो हमको सुरक्षा दे,वहीं आज हम बंगाल की मुख्यमंत्री का वो चेहरा देख रहे जिसके शासन में केवल और केवल उत्पीड़न ,भ्रष्टाचार ,दरिंदगी है औरतों,बच्चों, महिलाओं के साथ,आखिर इंसाफ होने में ही इतनी देर क्यों ? पूछता है युवा?
जनता का कहना है कि क्या फर्क पड़ता दुष्कर्म करने वाले की जात क्या, मजहब क्या ,उसका काम क्या ,उसकी पहुंच कितनी है या कितने लोगो का उस पर हाथ ,या उसने नशे किया या किसी भी हाल हालत में किया हो अपराध ,दरिंदगी दिखाई हो अपनी हैवानियत लेकिन जब अपराधि अपराध करते पर कुछ नही सोचते तो उनको सीधे मृत्युदंड देने में इतना विलंब क्यों ऐसे मामलों में ? क्यो है हमारे देश की न्याय प्रकिया में इतनी उदासीनता ? पूछता है देश।
एक नजर देश को झकझोर कर रख देने वाले केस की प्रमुख घटनाओं की टाइमलाइन….
9 अगस्त, 2024: आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के सेमिनार हॉल की तीसरी मंजिल पर 31 वर्षीय महिला डॉक्टर की अर्धनग्न लाश मिली, जो बलात्कार और हत्या का शिकार हुई थी।
10 अगस्त, 2024: आरोपी सिविक वालंटियर संजय रॉय को कोलकाता पुलिस ने गिरफ्तार किया। इस घटना के बाद, पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए।
12 अगस्त, 2024: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता पुलिस को मामले की जांच के लिए सात दिनों की महौलत दी और “कहा नही तो वह इस मामले को सीबीआई को सौंप की देंगी”। इसके साथ ही तीव्र विरोध के चलते आरजी-कर कॉलेज के प्रिंसिपल संदीप घोष ने अपने पद छोड़ दिया।
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13 अगस्त, 2024: कलकत्ता हाई कोर्ट ने मामले को “बेहद घृणित” करार देते हुए सीबीआई को जांच सौंपने का आदेश दिया। पुलिस अधिकारियों को निलंबित किया गया और उच्च न्यायालय ने मामले में हस्तक्षेप किया।
14 अगस्त, 2024: सीबीआई ने मामले की जांच शुरू करते हुए 25 सदस्यीय टीम का गठन किया। इस दौरान राज्यभर में विरोध प्रदर्शन तेज हो गए और कई सामाजिक संगठनों ने सड़क पर उतरकर अपना विरोध दर्ज कराया।
16 अगस्त, 2024: पुलिस ने अस्पताल में हुई तोड़फोड़ के मामले में 19 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया।
18 अगस्त, 2024: सुप्रीम कोर्ट ने मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए सुनवाई की तिथि 20 अगस्त तय की। कोर्ट ने डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए।
20 अगस्त, 2024: सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक राष्ट्रीय प्रोटोकॉल तैयार करने का आदेश दिया और मामले की गंभीरता पर चर्चा की।
7 अक्टूबर, 2024: सीबीआई ने मामले में आरोपी संजय रॉय के खिलाफ चार्जशीट दायर की, जिसमें मौत की सजा की मांग की गई। चार्जशीट में 81 गवाहों के बयान, फोरेंसिक रिपोर्ट, सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल कॉल डिटेल्स को प्रमुख सबूत बताया गया।
4 नवंबर, 2024: सियालदह कोर्ट ने आरोपी संजय रॉय के खिलाफ आरोप तय किए और मामले में ट्रायल शुरू हुआ।
18 जनवरी, 2025: आज 18 जनवरी सियालदह कोर्ट इस मामले में अपना अंतिम फैसला सुनाएगी।
“सजा-ए-मौत की मांग की सीबीआई ने ”, सीबीआई ने आरोप लगाया है कि संजय रॉय ने महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार किया और बाद में उसे हत्या कर दी।इतना ही नही सीबीआई ने यह भी आरोप लगाया है की सबूतों के नष्ट किया गाया। यह केस न केवल एक जघन्य अपराध को उजागर करता है, बल्कि यह डॉक्टरों की सुरक्षा के मुद्दे पर भी गंभीर सवाल उठाता है। पूर देश में इस घटना के विरोध में आवाजें उठी थीं, एवं हाईकोर्ट ने पुलिस और राज्य सरकार की कड़ी निंदा भी की।अब सभी की नजरें आज के अदालत के फैसले पर टिकी हैं।