नई दिल्ली। गुजरात विधानसभा में बुधवार को पेश की गई नानावटी आयोग की रिपोर्ट में 2002 में गोधरा कांड के बाद गुजरात में हुए दंगों के मामले में तत्कालीन नरेंद्र मोदी सरकार को क्लीन चिट दी है।नानावटी आयोग का गठन इस आरोप की जांच के लिए किया गया था कि तत्कालीन मंत्रिमंडल के सदस्यों ने गुजरात में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा को बढ़ावा दिया था।
1,500 पृष्ठों वाली रिपोर्ट बताती है कि दंगों में हिंसा को बढ़ावा देने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री या उनके मंत्रिमंडल के किसी भी सदस्य के खिलाफ कोई प्रत्यक्ष प्रमाण नहीं है।
आयोग की रिपोर्ट गुजरात की पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल को सौंपी गई थी, लेकिन अंतिम रिपोर्ट राज्य विधानसभा में बुधवार को पेश की गई।
2002 में सांप्रदायिक दंगों में एक हजार से अधिक लोगों ने अपनी जान गंवाई थी। हिंसा 59 लोगों की मौत के बाद शुरू हुई थी, जब साबरमती एक्सप्रेस की एक बोगी में गोधरा में आग लगा दी गई थी। इस बोगी में कारसेवक सवार थे, जोकि अयोध्या से लौट रहे थे।