बरेली@LeaderPost। विगत 22 जून को पीलीभीत बाईपास पर बेशकीमती प्लॉट पर कब्जे को लेकर दिनदहाड़े अंधाधुंध फायरिंग के मुख्य आरोपी राजीव राना के भाई गौरी शंकर ने भी मंगलवार को एसएसपी ऑफिस में सरेंडर कर दिया। इससे पहले मुख्य आरोपी और उसका छोटा भाई संजय राणा भी सरेंडर कर चुका है। मगर, बाकी पांच आरोपियों को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया गया था। उनके पैर में गोली लगी थीं। इस मामले में पुलिस 32 आरोपियों को जेल भेज चुकी है। मगर, मंगलवार को एक और आरोपी अचानक एसएसपी ऑफिस पहुंच गया। पुलिस ने तुरंत आरोपी को हिरासत में लिया। इसके बाद इज्जतनगर थाना पुलिस जेल भेजने की कोशिश में जुट गई है। फायरिंग कांड के मुख्य आरोपी राजीव राना पहले ही सरेंडर कर चुका है, जबकि 6 दिन पहले बुधवार दोपहर एसएसपी ऑफिस उसका भाई संजय राणा पहुंच गया था। वह काफी गोपनीय तरीके से एसएसपी ऑफिस पहुंचा था। उसने पहुंचते ही एसएसपी ऑफिस के गेट पर खड़े पुलिसकर्मी को अपना नाम बताया और बोला मैं सरेंडर करने आया हूं। आरोपी गौरीशंकर ने कोर्ट में जमानत को अर्जी डाली थी। मगर, वह कैंसिल हो गई। इसके बाद गौरी शंकर ने भी सरेंडर कर दिया। इससे पहले राजीव राणा और संजय राणा सरेंडर कर चुके हैं। जिसके चलते मुख्य आरोपी और उसके भाई का सरेंडर कराने के पीछे कौन सफेदपोश है। इसको लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं।
24 आरोपी पुलिस की पकड़ से दूर
इस मामले में पुलिस 32 आरोपियों को जेल भेज चुकी है। मगर, 24 आरोपी पुलिस की पकड़ से दूर हैं। पुलिस उनकी तलाश में जुटी है। इस कांड में राजीव राणा और आदित्य उपाध्याय के गुट शामिल थे। गोलीकांड के मुख्य आरोपी राजीव राणा और आदित्य उपाध्याय के गिरोह को सूचीबद्ध करने का काम भी शुरू हो गया है। फरार चल रहे आरोपियों पर 25- 25 हजार का इनाम घोषित किया है।
फायरिंग की दहशत में बंद हो गया था हाईवे
इज्जतनगर थाना क्षेत्र में 22 जून की सुबह पीलीभीत बाईपास पर प्लॉट पर कब्जे को लेकर राजीव राणा और आदित्य उपाध्याय के गुटों में जमकर फायरिंग हुई थी। जिसके चलते रोड बंद हो गया था। इस मामले में दोनों आरोपियों की संपत्तियों पर बुलडोजर चल चुका है। केपी यादव और राजीव राना की कई संपत्तियां बीडीए के रडार पर हैं। इस मामले में अब तक 31 लोग जेल जा चुके हैं। संजय राणा और चांद मियां समेत अन्य आरोपियों की तलाश में पुलिस जुटी हुई है। चंदौसी और रुद्रपुर से मंगाए गए थे। मुठभेड़ में पकड़े गए केपी यादव के गुर्गे धनुष और मोहम्मद हुसैन उर्फ गोला असलहों की तस्करी भी करते हैं। पुलिस के मुताबिक राजीव राना से प्लॉट पर कब्जे का सौदा पक्का होने के बाद केपी यादव के कहने पर धनुष और गोला ने संभल जिले के चंदौसी और उत्तराखंड के रुद्रपुर से तमंचों की खेप मंगाई थी। 40 हजार में 10 तमंचों का सौदा हुआ था। शहर के ही तीन शातिरों ने कारतूस मुहैया कराए थे। घटना से एक दिन पहले ही राजीव के भाई संजय को तमंचे सौंप दिए गए थे। केपी ने उस समय धनुष और गोला को कुछ रुपये एडवांस के तौर पर दे दिए थे। बाकी रुपये कब्जे के बाद देने थे। कब्जे के दौरान ऐसा बवाल हुआ कि केपी समेत बाकी आरोपी अंडरग्राउंड हो गए थे।
आरोपियों पर लगाई जाएगी गैंगस्टर
केपी और उसके साथी सुभाष को भी मुठभेड़ में पकड़ा गया था। एसपी सिटी राहुल भाटी ने मीडिया को बताया कि राजीव राना और आदित्य उपाध्याय पर गैंगस्टर लगाने के साथ ही उनका गैंग चार्ट तैयार किया जाएगा। इससे संबंधित लिखापढ़ी की जा रही है। उनकी संपत्तियों का ब्योरा भी तैयार किया जा रहा है। अवैध कमाई से संपत्तियां बनाने की पुष्टि हुई तो प्रशासन को रिपोर्ट भेजकर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी।