नगर निगम के कुछ दिग्गजों के सामने इस बार आरक्षण ने मुश्किल खड़ी कर दी है। वजह यह कि वह जिस वार्ड से पार्षद होकर नगर निगम में अपनी धमक बनाए हुए थे, उनके वार्ड का आरक्षण बदलने से वह इस बार वहां से चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। इससे दूसरे को तो मौका मिल जाएगा लेकिन इन दिग्गजों को अपना राजनीतिक कॅरिअर ही डगमगाता दिखने लगा है। हालांकि गुरुवार को वार्डों का आरक्षण होने के बाद पार्षद के रूप में खास पहचान वाले इन नेताओं ने अभी चुप्पी साध ली है लेकिन माना जा रहा है कि वह किसी और वार्ड को इस बार चुनाव लड़ने के लिए चुन सकते हैं। वे अब अपने लिए मुफीद वार्ड पर नजरें लगाए हुए हैं और नई उसके लिए रणनीति बनाने को विवश हो गए हैं।
अतुल कपूर
शहर विधानसभा से भाजपा के टिकट के दावेदार रहे और नगर निगम के पूर्व उप सभापति अतुल कपूर के नगर निगम के वार्ड नंबर 77 सौदागरान से पार्षद थे, उसका आरक्षण इस बार बदलकर पिछड़ा वर्ग हो गया है। ऐसे में, अतुल कपूर यहां से चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। ऐसे में, माना जा रहा है कि नगर निगम की राजनीति में बने रहने के लिए अतुल कपूर अब दूसरे किसी ऐसे वार्ड की ओर रुख कर सकते हैं, जहां से उन्हें जीतने की संभावना दिखेगी। हालांकि उनके सामने नए वार्ड से भाजपा के टिकट की चुनौती होगी। वैसे, अभी तक अतुल कपूर ने इस बाबत कोई खुलासा नहीं किया है।
सौरभ सक्सेना
वार्ड 56 कुंवरपुर के पार्षद सौरभ सक्सेना भी इस बार अपने वार्ड से चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। वह अपने जमाने में दिग्गज कांग्रेस नेता रहे वीरबहादुर सक्सेना वीरू बाबू के बेटे हैं और कई बार पार्षद रह चुके हैं। इस बार कुंवरपुर वार्ड ओबीसी के लिए आरक्षित हो गया है। नतीजतन, सौरभ सक्सेना या तो चुनाव नहीं लड़ेंगे या फिर किसी दूसरे वार्ड से उनको चुनाव लड़ना पड़ेगा।
दीपक सक्सेना
सैदपुर हाकिन्स इलाके का वार्ड नंबर 55 इस बार ओबीसी के लिए आरक्षित हुआ है। यहां से पार्षद दीपक सक्सेना चूंकि सामान्य वर्ग से हैं इसलिए उनको भी इस बार अपने वार्ड से चुनाव लड़ने का मौका नहीं मिल पाएगा।
छंगामल मौर्य
-नगर निगम के पूर्व उप सभापति छंगा मल मौर्य कई बार के पार्षद हैं। वह वार्ड 11 कटरा चांद खां से चुनकर आते हैं लेकिन इस बार उनका वार्ड का अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हो गया है। नतीजतन, छंगामल मौर्य अपने वार्ड से चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। ऐसे में, उनको नगर निगम में आने के लिए किसी दूसरे वार्ड की ओर चुनाव लड़ने के लिए रुख करना होगा।
अनुपम चमन
वार्ड नंबर 3 छोटी विहार से तीन बार की पार्षद अनुपम चमन इस बार अपने वार्ड से चुनाव नहीं लड़ पाएंगी। उनका वार्ड इस बार अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित हो गया है। माना जा रहा है कि अनुपम दूसरे वार्ड की ओर रुख कर सकती हैं।
विपुल लाला
वार्ड 58 गुलाब नगर इस बार महिला के लिए आरक्षित हुआ है। ऐसे में, पुराने पार्षद विपुल लाला इस बार खुद तो चुनाव नहीं लड़ पाएंगे लेकिन माना जा रहा है कि वह अपनी पत्नी को चुनाव लड़ा सकते हैं।
इन वरिष्ठ पार्षदों को मिला चुनाव लड़ने का मौका
आरक्षण बरकरार रहने से वार्ड 23 इंद्रा नगर के पार्षद सतीश चंद्र कातिब मम्मा, वार्ड 35 रामपुर बाग के पार्षद राजेश कुमार अग्रवाल और वार्ड 50 जनकपुरी के पार्षद आरेंद्र अरोरा, वार्ड 61 के पार्षद कपिल कांत, वार्ड 66 बजरिया पूरनमल के पार्षद संजय राय और वार्ड 69 के पार्षद अब्दुल कयूम मुन्ना को फिर से चुनाव लड़ने का मौका मिल सकेगा। इसी तरह वार्ड 54 भूड़ अनारक्षित होने की वजह से शालिनी जौहरी के भी चुनाव लड़ने का रास्ता साफ हो गया है।