बरेली। महापौर का पद अनारक्षित हो जाए या ओबीसी, डॉ. आईएस तोमर दोनों स्थिति में चुनाव लड़ पाएंगे। असल में, वह ओबीसी वर्ग से आते हैं। ऐसे में, उनके इस बार भी चुनाव लड़ने का रास्ता साफ हो जाएगा। बता दें कि पूर्व महापौर डॉ. तोमर चुनाव लड़ने का मन बनाए हुए हैं। उनको इंतजार है- आरक्षण घोषित होने का। वह पहले दो बार महापौर रह चुके हैं। पहली बार निर्दलीय जीते थे। दूसरी बार सपा के टिकट पर महापौर बने, लेकिन पिछला चुना
व वह जीत न सके। चूंकि वह सपा में हैं और माना जा रहा है कि सपा इस बार उनको प्राथमिकता पर मौका देगी, लेकिन डॉ. तोमर तभी लड़ पाएंगे, जब बरेली महापौर सीट का आरक्षण ओबीसी हो या अनारक्षित। अगर यह सीट महिला या आरक्षित होती है तो उनको चुनाव लड़ने का मौका नहीं मिल पाएगा।
वैसे, डॉ. आईएस तोमर ने अभी तक महापौर चुनाव लड़ने को लेकर सार्वजनिक तौर पर कोई ऐलान नहीं किया है। चुनाव लड़ने या न लड़ने को लेकर भी वह खुलकर कोई प्रतिक्रिया देने से बचते हैं। उनके समर्थकों का कहना है कि उन्हें आरक्षण का इंतजार है। दूसरी ओर चर्चा यह भी है कि अगर सपा यहां से किसी मुस्लिम हो चुनाव लड़ाना चाहेंगी तो डॉ. तोमर को चुनाव लड़ने की स्थिति में दूसरा विकल्प चुनना होगा, लेकिन अभी सबको आरक्षण के पत्ते खुलने का इंतजार है।