बरेली। सीतापुर बाजपेई पत्रकार हत्याकांड के मास्टरमाइंड पकड़ने उठाई मांग
लखनऊ। आज बरेली में पत्रकार संगठनों ने सीतापुर में हुई जघन्य घटना पर जमकर अपना रोष व्यक्त किया। डॉक्टर पवन सक्सेना ने सीतापुर में हुई दैनिक जागरण के पत्रकार बाजपेई की निर्मम और बर्बरतापूर्ण हुई हत्या पर तीखा विरोध व्यक्त किया । साथ ही पवन सक्सेना के नेतृत्व में बरेली के उपजा प्रेस क्लब,डिजिटिटल, इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट सभी मीडिया पत्रकारों ने एकजुट होकर बरेली के जिला अधिकारी (डीएम) के माध्यम से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ज्ञापन सौंपा गया। जिसके बाद पत्रकारों ने सीतापुर घटना को लेकर डॉक्टर पवन सक्सेना से और साथ ही वहा उपस्थित वरिष्ठ पत्रकारों से भी सवाल जबाव किए। जिस पर पवन सक्सेना ने कहा “कि इस घटना के पीछे छुपे सभी अभियुक्तों को और इस हत्या को अंजाम देने वाले मास्टरमाइंड को जल्द से जल्द पकड़ा जाना चाहिए । उनकी गिरफ्तारी होनी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि परिवार की जो पीड़ा है। इस समय उस नाज़ुक स्थिति उसको ध्यान में रखकर हम सबका यह दायित्व बनता है कि हम सब इस दुख की घड़ी में उनके सहभागी बने । साथ ही उन्होनें कहा कि पत्रकार के परिवार की आर्थिक मदद के लिए उनके परिवार को दो करोड़ का मुआवजा दिया जाए और परिवार के सदस्य की नौकरी की भी व्यवस्था की जाए।”
बरेली के वरिष्ठ पत्रकार और स्वतंत्रता सेनानी वीरेंद्र अटल ने पत्रकारों से बात करते हुए कड़े विरोध में कहा कि पत्रकारों के साथ हो रहे बर्बरतापूर्ण जुल्मों के खिलाफ सभी को एक जुट होकर आवाज उठानी चाहिए। फिर चाहे वो समाज के आम जनमानस , समाज के उद्यमी लोग हो या प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकार हो । सभी का यह दायित्व बनता की वह अपनी आवाज बुलन्द करे और बढ़ रहे इन अत्याचारों को रोकने के लिए इन पर अंकुश लगाने के लिए इसका मिलकर पुरजोर विरोध करे। इसी के साथ उन्होंने बरेली के सभी पत्रकारों से आव्हान किया कि वे सब एकजुट हो और मिलकर अपने अधिकार के लिए संघर्ष की इस मुहिम में अपना साथ दे।

पत्रकारों की सुरक्षा की आवश्यकता
आज का बदलता परिवेश हो या सदी चाहे इक्कीसवीं हो या सोलहवीं सदी हो । निर्भीक- निडर पत्रकारों को अक्सर समाज में सच का आइना दिखाने में जघन्य, बर्बरतापूर्ण घटनाओं का सामना करना पड़ता जिसके चलते उनको जान से तक हाथ धोना पड़ जाता है। ऐसा ही कुछ हुआ सीतापुर के पत्रकार के साथ जिनकी दिनदहा़डे हत्या कर दी गई। जिसके बाद वे अपने पीछे छोड़ जाते अनगिनत सवाल ।उनके अपनों की रोती सिसकियां,आंखों में आंसू ,आगे की जिंदगी के गुजर बसर जैसे अनगिनत थके हारे से मन में उठते आशंकित प्रश्न चिन्ह। एक पत्रकार जो निडर होने के साथ संवेदनशील होता समाज के लोगों के लिए उनके हक के लिए उनकी आवाज बनता। क्या उसकी सुरक्षा की जिंदगी की कोई किमत नही है? पत्रकर जो राज्य में,देश में ,क्षेत्र में हो रही गतिविधियों में बढ़चढकर हिस्सा लेता है। जनता की आवाज बनता है,देश का चौथा स्तंभ कहलाता ! क्या यही उसकी पत्रकारिता की कीमत है ? क्यों उसकी अच्छाई सच्चाई के मोल को इस तरह दिनदहाड़े मौत के घाट उतार दिया जाता है? क्या यही रह गया अब समाज में ,देश में ? अक्सर समाज में ,देश में,राज्य में बढ़ती यह घटनाएँ यह दर्शाती हैं कि समाज में सच लिखने और बोलने की कीमत पत्रकारों की हत्या, धमकियाँ और उन पर हमले करने से चुकाई जाती है । खासकर उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में हाल ही मे कई ऐसे मामले सामने आए है जो समाज में डर और दहशत महौल गढ़ते जा रहे है।
एकजुटता की मिसाल
बरेली में इस घटना के खिलाफ पत्रकारों का गुस्सा सामने आया। उपजा प्रेस क्लब के अध्यक्ष डॉ पवन सक्सेना और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया जर्नलिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष आलोक गुप्ता की अगुवाई में पत्रकारों ने जिला अधिकारी (डीएम) को ज्ञापन सौंपा। पत्रकारों ने इस घटना के खिलाफ कड़े शब्दों में नाराजगी जाहिर की। ज्ञापन सौंपने के दौरान पत्रकारों ने एकजुटता दिखाई । इस अवसर पर प्रेस क्लब महामंत्री मुकेश तिवारी , कोषाध्यक्ष सिटिल गुप्ता, वरिष्ठ पत्रकार वीरेंद्र अटल, जनार्दन आचार्य, निर्भय सक्सेना, पुत्तन सक्सेना, धीरू यादव, विकास साहनी,अशोक शर्मा लोटा, विजय सिंह, देव सिंह, शुभम् सिंह, सुयोग सिंह, देश दीपक गंगवार, मनोज गोस्वामी, रनदीप सिंह, इमरान खान, अनूप मिश्रा, प्रवीण कुमार, रमेश राजपूत, फिरोज खान,मोनिका सिंह, प्रदीप सक्सेना , आलोक सक्सेना समेत तमाम पत्रकार उपस्थित रहे।
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पत्रकारों ने यह भी कहा कि सरकार को पत्रकारों की सुरक्षा के लिए ठोस कानून बनाने चाहिए।ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके। पत्रकारों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से ठोस कदम उठाने की अपील की है। उनका कहना है कि जब तक दोषियों को सजा नहीं मिलती।तब तक पत्रकारों के संघर्ष को रोक पाना मुश्किल होगा। बरेली के पत्रकारों ने इस बात पर जोर दिया कि यदि सरकार ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की,तो वे बड़े पैमाने पर देश भर में पत्रकार आंदोलन करेंगे।