अल्जाइमर रोग के बढ़ते खतरे को रोकने और इससे बचाव के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 21 सितंबर को विश्व अल्जाइमर दिवस मनाया जाता है। इस दिन दुनिया भर के कई देशों व क्षेत्रों में जागरूकता गतिविधियों का आयोजन किया जाता है, ताकि सब यह समझें कि अल्जाइमर रोग की रोकथाम बहुत महत्वपूर्ण है और इस पर पर्याप्त ध्यान दिया जाना चाहिए।
विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ के अनुसार, दुनिया भर में 55 मिलियन से अधिक लोग डिमेंशिया मतिभ्रम से पीड़ित हैं। आंकड़े बताते हैं कि अल्जाइमर के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। इसका कारण यह भी है कि अल्जाइमर के प्रति अभी भी प्रभावी उपचार की कमी है। विशेषज्ञों का मानना है क‍ि अल्जाइमर रोग की रोकथाम, उपचार और पुनर्वास के शुरूआती वैज्ञानिक विकास के साथ-साथ सरकार के लिए चौतरफा तरीके से संबंधित नीति तैयार करने के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है।
लोगों का मानना है कि अल्जाइमर की बीमारी सिर्फ बुर्जर्गों को होती है जबकि ऐसा नहीं है। यह युवाओं को भी चपेट में ले सकती है। यह रोग अनुवांशिक भी हो सकता है , लेकिन अनुमान है क‍ि अगर यह अनुवांशिक नहीं है तो इसका संबध खराब लाइफस्टाइल से है।
अल्जाइमर बीमारी भूलने की बीमारी है, जिसका प्रमुख लक्षण याददाश्त की कमी होना, निर्णय न ले पाना और बोलने में दिक्कत आना इत्यादि है। इस बीमारी में भूलने की समस्या के साथ ही मरीज के व्यवहार में भी परिवर्तन आ जाता है। मरीज को चीजें सही से याद रखने में दिक्कत होने लगती है और वो निर्णय नहीं ले पाता है। विशेषज्ञों के अनुसार, अल्जाइमर धीरे-धीरे मस्तिष्क के ऊतकों को नष्ट कर देता है और लोगों की याददाश्त को छीन लेता है। इस बीमारी की वजह से लोग रोजमर्रा के कार्यों को करने में भी असमर्थ हो जाते हैं। हालांकि अल्जाइमर के कारणों की पहचान के लिए डॉक्टर को दिखाना बेहद जरूरी है।
अल्जाइमर रोग का कारण स्पष्ट नहीं है। शोधकर्ताओं और डॉक्टरों की तरफ से ऐसा कहा जाता है कि मस्तिष्क में प्रोटीन के कार्य नहीं करने और न्यूरॉन्स मस्तिष्क की कोशिकाएं के बाधित होने के कारण भूलने की यह बीमारी होती है। अभी तक का अनुमान है क‍ि यह बीमारी आनुवंशिक होने के साथ ही लाइफस्टाइल में अनियमितता के कारण भी हो सकती है। अच्‍छी बात यह है क‍ि कुछ उपायों से इसकी रोकथाम की जा सकती है। पहला, रक्तचाप, रक्त शर्करा और रक्त लिपिड को नियंत्रित करें। दूसरा, उचित व्यायाम करें, स्वस्थ मानसिकता बनाए रखें, और अकसर अपने दिमाग व हाथों का प्रयोग करें। तीसरा, ज्यादा सामाजिक गतिविधियों में भाग लें, लोगों और समाज से अधिक संपर्क करें। वहीं, अल्जाइमर रोग से बचाव के लिए विशेषज्ञ उंगलियों के व्यायाम की सलाह देते हैं। असल में, उंगलियां मानव स्वास्थ्य में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, और उंगलियों के व्यायाम थकान को दूर करने, मानसिक बोझ को कम करने और तनाव को दूर करने का चमत्‍कारी भूमिका निभा सकते हैं, मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कुछ अध्ययनों में पाया गया है कि उंगलियों के व्यायाम से अल्जाइमर को रोका जा सकता है।

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