व्यापार और तकनीक को लेकर छिड़ी बहस में आमने-सामने आए बिज़नेस टायकून और केंद्रीय मंत्री, सोशल मीडिया पर मचा घमासान
सोशल मीडिया । हाल ही में एक दिलचस्प बहस ने सोशल मीडिया पर जोर पकड़ लिया। जब भारत के पूर्वोत्तर के आइसक्रीम कारोबार पर दिए गए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के बयान पर भारत-पे के पूर्व सह-संस्थापक अशनीर ग्रोवर ने प्रतिक्रिया दी। गोयल ने कहा था कि युवा आइसक्रीम बेचने की बजाय सेमीकंडक्टर जैसे उच्च तकनीक क्षेत्रों में करियर चुनें। जिस पर अशनीर ने तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा कि व्यापार छोटा या बड़ा नहीं होता। इस बयानबाज़ी ने इंटरनेट पर नई बहस को जन्म दे दिया है – क्या महत्वाकांक्षा को तकनीकी क्षेत्रों तक ही सीमित करना सही है?
नई दिल्ली । भारतीय स्टार्टअप्स पर छिड़ी बहस: आइसक्रीम बनाम सेमीकंडक्टर विवाद– केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल की हालिया टिप्पणी ने भारतीय स्टार्टअप जगत में बहस को हवा दे दी है। उन्होंने कहा कि भारतीय स्टार्टअप्स तेजी से लाभ कमाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं जबकि चीन लंबे समय तक चलने वाले टेक इनोवेशन में आगे बढ़ रहा है। गोयल ने नई दिल्ली में ‘स्टार्टअप महाकुंभ’ को संबोधित करते हुए कहा कि भारत के स्टार्टअप्स फूड डिलीवरी और ई-कॉमर्स तक सीमित हैं जबकि चीन सेमीकंडक्टर, एआई और बैटरी टेक्नोलॉजी में निवेश कर रहा है। इस बयान पर भारतपे के को-फाउंडर अशनीर ग्रोवर, जैप्टो के सह-संस्थापक आदित पलिचा और इनफोसिस के पूर्व कार्यकारी मोहनदास पई ने तीखी प्रतिक्रिया दी।
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अशनीर ग्रोवर का पलटवार– अशनीर ग्रोवर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पीयूष गोयल पर कटाक्ष करते हुए लिखा, “भारत में सिर्फ नेताओं को ‘रियलिटी चेक’ की जरूरत है। चीन ने भी फूड डिलीवरी से शुरुआत की थी और फिर डीप-टेक में गया। नेताओं को स्टार्टअप्स को दोष देने के बजाय 20 साल तक 10% आर्थिक वृद्धि बनाए रखने की योजना बनानी चाहिए।” इसी के साथ उन्होने पीयूष गोयल को एक स्वस्थ बहस को शुरू करने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।

सरकार को समर्थन देने की जरूरत– Zepto के सीईओ आदित पलिचा ने कहा कि सरकार को भारतीय स्टार्टअप्स को कमजोर करने के बजाय उन्हें समर्थन देना चाहिए। वहीं मोहनदास पई ने सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि एंजल टैक्स और अन्य नीतियां स्टार्टअप्स के लिए बाधा बन रही हैं। इस बहस ने भारत में स्टार्टअप्स के भविष्य को लेकर महत्वपूर्ण चर्चा छेड़ दी है। सरकार और उद्यमियों के बीच संतुलन बनाना जरूरी होगा ताकि देश में तकनीकी नवाचार को सही दिशा में आगे बढ़ाया जा सके।