दिल्ली। महाराष्ट्र मे सपा नेता अबू आजमी के द्वारा की गई औरंगजेब की तारीफ से शुरु हुआ बवाल थमने का नाम ही नही ले रहा। जिसके चलते महाराष्ट्र के राजनीतिक गलियारों में तो गहमागहमी को महौल लगातार बना हुआ चल ही रहा था। साथ ही पुरे देश में भी इसका तीखा विरोध भी हुआ। उसके बाद अबू आजमी को महाराष्ट्र विधानसभा के मौजूदा सत्र से निलंबित भी कर दिया गाया था। जिसके चलते अबू आजमी ने माफी भी बाद मे मांगी थी और बोला कि उनके बयान को तोड़ मरोड़ कर दिखाया गाया है। इस पर हिन्दू संगठनो ने जमकर उनके खिलाफ विऱोध प्रदर्शन भी किए और साथ ही कहा की उन्होने माराठा समाज के साथ-साथ हिन्दू समाज की आस्था को भी ठेस पहुचाई है। हिन्दू संगठनो ने कहा की औरंगजेब एक क्रूर शासक था जिसने क्रूरता की, इंसनियत की हदे पार की थी। ऐसे क्रूर शासक की कब्र को मिटा देना चहिए हमारे समाज से। जिसके बाद से ही कई राजनीतिक पार्टियों के राजनेताओं ने , बजरंग दल, विश्व हिन्दू परिषद जैसे सगंठनो ने एक जूट होकर औरंगजेब की कब्र मिटाने की मागं की। इन्ही मागों के चलते सोमवार को महाराष्ट्र के नागपुर जिले मे शाम को दो पक्षों के बीच पथराव और आगजनी से वहा की स्थिति नाजुक और गंभीर बनी हुई है।
नागपुर में औरंगजेब कब्र विवाद पर हिंसा, पथराव और आगजनी-महाराष्ट्र के नागपुर में औरंगजेब की कब्र को लेकर तूल पकड़ते विवाद के बाद सोमवार रात महल इलाके में दो गुटों के बीच हिंसा भड़क गई। विश्व हिंदू परिषद (VHP) द्वारा औरंगजेब का पुतला जलाने के बाद यह विवाद उग्र हो गया। अफवाहों के चलते दोनों पक्षों के बीच पथराव हुआ कई गाड़ियों में आग लगाई गई और तोड़फोड़ की गई। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और बल का प्रयोग किया। इस दौरान पुलिस अधिकारी DCP निकेतन कदम पर कुल्हाड़ी से हमला किया गया, जिससे वे घायल हो गए। पुलिस ने 55 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया है।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने लोगों से की अपील-भड़कती हिंसा को देखकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र के लोगों से शांति धैर्य बनाए रखने की अपील की है।साथ ही कहा कि पुलिस प्रशासन स्थिति पर काबू पा रहा है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी अफवाहों पर विश्वास न करने की अपील की और शांति बनाए रखने की अपील की। दूसरी तरफ, बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के नेता ने औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग की है जबकि कांग्रेस और अन्य दल इसे एक राजनीतिक मुद्दा मान रहे हैं।
छावा फिल्म ने भी छोड़ी एक अलग छाप हिन्दू समाज पर –हाल ही में रिलीज हुई फिल्म छावा ने भी लोगों पर अपनी गहरी छाप छोड़ी। जिसने समाज को एक वो आईना दिखाया गया । जिसकी सच्चाई को भारतीय फिल्म जगत में पहले कभी नही दिखायाी गयी । राजनीतिक फायदो के चलते, धार्मिक वोट बैंक के चलते शिवाजी महाराज की कहानी दिलों मे होकर भी और जुबा तक आकार कही दबी सी अलख बन कर रह गई थी । जिसकी की कसर फिल्म छावा ने लोगों के मन-मसतिष्क पर एक अलख की एक अलग छाप छोड़ कर पूरी कर दी। जिसके बाद से ही महाराष्ट्र मे अन्य राज्यो मे देश मे इस विषय पर तूल बढ़ता ही जा रहा है।