बरेली। भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) ने अपने महानगर अध्यक्ष के रूप में अधीर सक्सेना को एक बार फिर से चुन लिया है। जिसके बाद बरेली के राजनीति गलियारों में नया मोड़ देखने को मिला है। मेयर डॉ. उमेश गौतम की प्रभावशाली रणनीति के कारण अधीर सक्सेना की दोबारा ताजपोशी हो पाई। जबकि इस पद के लिए विरोधी गुटों द्वारा उनका तीखा विरोध किया जा रहा था। लेकिन मेयर गौतम की कूटनीति और राजनीतिक पैठ ने विरोधियों के मंसूबों को नाकाम कर उन पर पानी फेर दिया । जिसके चलते अधीर सक्सेना को फिर से यह महत्वपूर्ण पद सौंपा गया। इस जीत के साथ ही यह साफ हो गया कि बरेली की शहरी राजनीति में अब मेयर डॉ. उमेश गौतम की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण हो चुकी है। एक समय था जब शहर की राजनीति में बड़े नेताओं का दबदबा था लेकिन अब गौतम के प्रभाव के आगे सभी विपक्षी गुट खामोश हो गए हैं।
आज स्मार्ट सिटी आडिटोरियम में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में यह घोषणा की गई। इस दौरान बरेली और आंवला जिलों के लिए नए अध्यक्षों की नियुक्ति भी की गई। आंवला जिले के लिए आदेश प्रताप सिंह और बरेली जिले के लिए सोमपाल शर्मा को जिलाध्यक्ष बनाया गया है।पार्टी में बदलाव की यह लहर अब केवल पदों तक सीमित नहीं है बल्कि यह संकेत दे रही है कि बरेली की राजनीति में अब मेयर उमेश गौतम का शासनकाल शुरू हो चुका है। उनकी रणनीति और नेतृत्व ने न सिर्फ भाजपा के भीतर बल्कि बरेली के राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में भी नया बदलाव ला दिया है।
इस जीत के साथ ही भाजपा में एक नई शक्ति का उदय हुआ है। जो आने वाले चुनावों में अपनी अहम भूमिका निभाती आएगी। ‘गौतम युग’ के इस नए अध्याय को लेकर राजनीतिक समीक्षकों के अपने अपने विचार है। अब यह देखना और भी दिलचस्प हो जाएगा क्योंकि सभी की नजरें आगामी चुनावों पर टिकी हैं।