कोलकाता: आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 9 अगस्त 2024 को ट्रेनी डॉक्टर की रेप और हत्या के मामले में सियालदह कोर्ट ने मुख्य आरोपी संजय रॉय को 18 जनवरी को दोषी ठहराया। कोर्ट अब (20 जनवरी) को उसे सजा सुनाएगा। सीबीआई ने संजय रॉय को फांसी की सजा की मांग की है। फैसले के बाद आरोपी ने खुद को फंसाए जाने का दावा करते हुए एक आईपीएस अधिकारी का नाम लिया।यह घटना कोलकाता में चिकित्सा जगत को हिला देने वाली थी। 9 अगस्त को पीड़िता की लाश सेमिनार हॉल में मिली थी। इस घटना के बाद से ही पूरे देश में डॉक्टरों के विरोध प्रदर्शन और हड़तालों का सिलसिला शुरू हो गया था।
फैसले के मुख्य बिंदु:
- फोरेंसिक रिपोर्ट: संजय रॉय के डीएनए का मिलान पीड़िता के शरीर से हुआ, जो उसे इस जघन्य अपराध में शामिल ठहराता है।
- सजा की सिफारिश: सीबीआई ने उसे फांसी की सजा देने की मांग की है। कोर्ट ने इसे गंभीर अपराध मानते हुए आजीवन कारावास या फांसी की संभावना जताई।
- संजय रॉय का बयान: संजय ने कहा कि उसे फंसाया जा रहा है और यह मामला एक आईपीएस अधिकारी के शामिल होने से जुड़ा है।
इस केस में सीबीआई ने 81 गवाहों के बयान, फोरेंसिक सबूत, CCTV फुटेज और मोबाइल डेटा को अहम साक्ष्य बताया। संजय का ब्लूटूथ इयरफोन और खून से सने कपड़े भी घटना स्थल से बरामद हुए थे, जो उसकी संलिप्तता को साबित करते हैं।
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“मृतक के अभिभावक ने कहा-सजा सुनाने से रोका जाए सियालदह कोर्ट को”
कोर्ट के फैसले को लेकर पीड़िता पक्ष ने जतायी असंतुष्टि एवं उन्होंने मामले का निरीक्षण कर रहे सुप्रीम कोर्ट,कलकत्ता हाईकोर्ट में भी याचिका दायर कर दी। उन्होंने इस याचिका में यह मांग की है कि सियालदह स्पेशल कोर्ट को इस केस में सजा सुनाने से रोका जाए एवं एक बार पुन: पूरे मामले को गंभीरता से संज्ञान मे लिया जाए।केस से जुड़े प्रत्येक साक्ष्य को बारीकी स्टडी किया जाए,क्योंकि उनका कहना है कि इतना जघन्य अपराध केवल एक व्यक्ति नहीं कर सकता एवं इस मामलें से जुड़े सभी आरोपियों को जिनको बचाया जा रहा है उनके नाम छुपाए जा रहे है अत: वह कोर्ट के इस फैसले संतुष्ट नही है।उनका कहना है जब तक सभी आरोपियों को सजा नहीं मिल जाएगी वह प्रयास करते रहेंगे अपनी बेटी को इंसाफ दिलाने का और खटखटाते रहेंगे अदालत का दरवाजा। बताते चले इस केस ने न केवल कोलकाता बल्कि पूरे देश में महिला सुरक्षा और चिकित्सा कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठाए। समाज के विभिन्न वर्गों ने इस घटना के खिलाफ सड़कों पर उतरकर अपना विरोध दर्ज कराया।अब सभी की नजरें 20 तारीख के फैसले पर टिकी हैं, जब कोर्ट संजय रॉय को सजा सुनाएगा।