नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को सदन में कहा कि जम्मू एवं कश्मीर में हालात सामान्य हैं।

शाह ने मंगलवार को लोकसभा को बताया कि अनुच्छेद 370 को रद्द करने और प्रदेश से विशेष राज्य का दर्जा वापस लिए जाने के बाद से वहां पुलिस की गोली से एक भी व्यक्ति की मौत नहीं हुई है।

कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी द्वारा उठाए गए एक प्रश्न का उत्तर देते हुए शाह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने कहा था कि अनुच्छेद 370 को रद्द करने के बाद वहां रक्तपात होगा और सरकार वहां से सालों तक कर्फ्यू को नहीं हटा पाएगी। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। उन्होंने कहा, जहां तक जम्मू एवं कश्मीर में हालात की बात है, वहां की स्थिति पूर्ण रूप से सामान्य है। लेकिन मैं कांग्रेस की स्थिति को सामान्य नहीं कर सकता हूं।

प्रश्नकाल में जवाब देते हुए गृहमंत्री ने कहा कि पांच अगस्त के बाद से गोली लगने की वजह से एक भी व्यक्ति की मौत नहीं हुई है। इसी दिन अनुच्छेद 370 को रद्द करके जम्मू एवं कश्मीर से विशेष राज्य का दर्ज लेकर प्रदेश से लद्दाख क्षेत्र को अलग कर दो केंद्रीय शासित प्रदेशों में विभाजित किया गया था। मंत्री ने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर में हाल ही में संपन्न हुई परीक्षाओं में 99.5 प्रतिशत छात्रों ने भाग लिया।

अधीर रंजन चौधरी द्वारा उठाए गए प्रश्न राजनीतिक गतिविधि को क्या सामान्य स्थिति के रूप में देखा जाए? इसके जवाब पर शाह ने नेता पर निशाना साधते हुए कहा, जब विद्यार्थी परीक्षाओं में भाग लेते हैं, सात लाख से अधिक ओपीडी मरीजों को स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त होती हैं, पुलिस थानों से धारा 144 को हटा लिया जाता है, शायद उन्हें यह सामान्य स्थिति नहीं दिखाई देती।

शाह ने कहा, वह केवल ‘राजनीतिक गतिविधि’ को सामान्य स्थिति समझते हैं। जहां तक ‘राजनीतिक गतिविधि’ का सवाल है, 40 हजार से अधिक पंचायत चुनाव संपन्न हुए हैं, जो कि कांग्रेस के शासनकाल से अधिक है। बाद में खंड विकास परिषद के चुनाव 95 प्रतिशत वोटिंग के साथ शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुए। क्या यह राजनीतिक नहीं है?

गृहमंत्री ने कहा, जहां तक नेताओं को जेल से रिहा करने का विषय है, मैं यह कहना चाहता हूं हम किसी को एक दिन भी जेल में नहीं रखना चाहते हैं। जब जम्मू एवं कश्मीर का प्रशासन निर्णय करेगा उन्हें (नेताओं) को रिहा कर दिया जाएगा।

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