पिता की थी पढ़ाने की ख्वाहिश, लेकिन बेटा जाना चाहता था विदेश, यूके में मिला बेस्ट ड्राइवर का खिताब

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कहते है पंजाबी जहां जाते हैं, वहीं अपनी बादशाहत कायम कर लेते है। पंजाबी किसी भी फील्ड में जाएं, अपना और अपने देश का नाम रोशन करते है। ऐसा ही कारनामा होशियारपुर के कस्बा नंदा चौर के युवक ने किया है। यूके गवर्नमेंट ने उसे बेस्ट चालक का खिताब दिया है। नंदा चौर के जतिंदर कुमार को यूके गवर्नमेंट ने नेशनल बेस्ट बस चालक 2019 के खिताब से नवाजा। इस खिताब के मिलने के बाद युवक के पैतृक गांव में खुशी का माहौल है। जतिंदर के परिजनों को गांव के लोग बधाई देने आ रहे हैं।

जतिंदर के पिता मंगत राम ने बताया कि वह आर्मी से रिटायर है। उनके बेटे ने प्राथमिक शिक्षा नंदा चौर से की और प्लस टू करने के बाद बेटे ने विदेश जाने की इच्छा प्रकट की थी। इसके बाद उन्होंने बेटे को और पढ़ने के लिए कहा लेकिन बेटे का मन विदेश जाने का था। फिर बेटा दक्षिण कोरिया चला गया, जहां वो चार साल रहा और फिर गांव आ गया।

इसके बाद बेटे ने दोबारा यूके के लिए अप्लाई किया तो बेटे को यूके का वीजा मिल गया। उन्होंने बताया कि जतिंदर 2006 में विदेश गया था। उन्होंने बताया कि यूके में जाकर जतिंदर ने लाइसेंस बनवाया और बस चलाने लगा। पहले दो बार जिस कंपनी के लिए बस चलाता था, उसी कंपनी की तरफ से बेस्ट चालक का दो बार खिताब मिल चुका है। फिर बेटा यूके में डबल डेकर बस चलाने लग गया। अब उसे बेस्ट चालक के खिताब से नवाजा गया। उन्होंने बताया कि जतिंदर ने 2005 में हिमाचल प्रदेश की मीनाक्षी से शादी की थी। वह भी उसके साथ यूके में सेटल है और बैंक में जॉब करती हैं।

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