पंजाब। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान जर्मनी के अपने 8 दिवसीय दौरे से लौट आए हैं। वह पंजाब में विभिन्न परियोजनाओं में निवेश की तलाश में जर्मनी की यात्रा पर थे। हालांकि उनका यह सफर विवादों से घिरा रहा है।
राजनीतिक गलियारों में पंजाब के मुख्यमंत्री की वापसी में देरी को लेकर काफी अटकलें लगाई जा रही थीं क्योंकि बीएमडब्ल्यू की भारतीय इकाई ने पंजाब में एक इकाई स्थापित करने की योजना से इनकार किया था। कहा जा रहा है कि शराब की लत के चलते वह दिल्ली में होने वाले आम आदमी पार्टी के पहले कॉन्क्लेव में शामिल नहीं हो सके।
राजनीतिक विरोधियों का आरोप है कि सीएम मान को शनिवार रात फ्रैंकफर्ट एयरपोर्ट पर इसलिए उतारा गया क्योंकि वह नशे में थे। आम आदमी पार्टी ने अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों द्वारा लगाए गए आरोपों का खंडन किया है।
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता मलविंदर सिंह कांग ने कहा कि हमारे राजनीतिक विरोधी मुख्यमंत्री को बदनाम करने के लिए ये बातें फैला रहे हैं, वे यह पचा नहीं पा रहे हैं कि सीएम मान पंजाब में निवेश पाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। सीएम समय पर लौट आए हैं। उन्हें रविवार रात यहां उतरना था और वह पहले ही दिल्ली पहुंच चुके हैं।
दिलचस्प बात यह है कि राज्य सरकार के अधिकारी दावा कर रहे हैं कि मुख्यमंत्री खराब स्वास्थ्य के कारण जर्मनी से वापसी की उड़ान में सवार नहीं हो सके। सीएम मान के साथ राज्य कैडर के चार आईएएस अधिकारी और विभाग के एक सलाहकार भी थे। उन्होंने जर्मनी में संभावित निवेशकों के साथ कई बैठकें कीं और उन्हें फरवरी में यहां एक निवेशक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया।
इसी फ्लाइट में सवार एक भारतीय यात्री ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि सीएम अपने पैरों पर खड़े नहीं हो पा रहे थे, क्योंकि उन्होंने बहुत ज्यादा शराब पी रखी थी। वह अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो पा रहा था। वह अपने साथ आए सुरक्षाकर्मियों की मदद से विमान में चढ़ा।
विपक्षी दलों ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की शराब की लत को भी विधानसभा चुनाव में मुद्दा बनाया था, सीएम बनने के बाद भी उन पर नशे की हालत में गुरुद्वारा जाने का आरोप लगा है।