दिल्ली के रामलीला मैदान में रविवार को आयोजित हुई महंगाई पर कांग्रेस की हल्ला बोल रैली में राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। राहुल गांधी ने कहा कि मुझे ईडी के जरिए डराने की कोशिश की गई। 55 घंटे आफिस में बैठाया गया। अगर 200 घंटे भी बैठा लें, तब भी मैं डरने वाला नहीं हूं। उन्होंने कहा कि नफरत, भय, महंगाई और बेरोजगारी के कारण देश कमजोर हुआ है।
नई दिल्ली। कांग्रेस ने केंद्र सरकार के खिलाफ महंगाई पर हल्ला बोल रैली की। दिल्ली के रामलीला मैदान में रविवार को आयोजित इस रैली में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार को महंगाई के साथ ही कई मुददों पर घेरा। रैली में देश भर से पहुंचे कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस के पास अब एक ही विकल्प है- हमें जनता के बीच सीधे जाना होगा और केंद्र सरकार की नाकामी बतानी होगी। उन्होंने कहा कि संसद में विपक्ष बोल नहीं पाता है, हमारा माइक बंद कर दिया जाता है। महंगाई, बेरोजगारी और चीन जैसे मुद्दों पर हमें बात नहीं करने दी जाती है। राहुल गांधी ने कहा कि मीडिया, चुनाव आयोग सब पर सरकार का दबाव है, इसलिए हमें सीधे जनता के बीच जाकर मुद्दे उठाने होंगे और उन्हें सच्चाई बतानी होगी। विपक्ष के पास लोगों के बीच जाने के अलावा और कोई रास्ता नहीं है, क्योंकि सभी संस्थान दबाव में हैं। उन्होंने कहा, भारत जोड़ो यात्रा इसलिए निकाली जा रही है, क्योंकि मीडिया हमारे साथ नहीं है, अन्य संस्थान सरकार के दबाव में हैं। इसलिए विपक्ष के पास सीधे लोगों के पास जाने और उन्हें सरकार के बारे में सच्चाई बताने के अलावा कोई रास्ता नहीं है।
राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए उन्होंने कहा, मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि यह देश आपके दो दोस्तों का नहीं है, बल्कि भारत के गरीब लोगों का है। उन्होंने कहा कि आज दो हिंदुस्तान बन गए हैं- एक मजदूर, किसान और बेरोजगारों का हिंदुस्तान है। इसमें कोई सपना नहीं देखा जा सकता। इसमें आप खून पसीना देंगे, फिर भी कुछ नहीं होगा। दूसरा हिंदुस्तान- 10-20 उद्योगपतियों का है। इसमें जो सपना वो देखेंगे, उन्हें मिलेगा। उनका सब काम पूरा होगा। राहुल ने कहा कि आज इन्ही दो हिंदुस्तान की लड़ाई है। किसी भी दुकानदार और किसान से पूछ लीजिए, यूपीए और आज की सरकार में क्या अंतर है। यूपीए ने मनरेगा दिया और मोदी जी ने तीन काले कानून दिए। पहले उन्होंने मनरेगा की बुराई की, बाद में उसी को लागू किया। अगर मनरेगा नहीं होता तो आग लग जाती। पहले किसानों की जमीन छीन ली जाती थी। हम कानून लेकर आए और मोदी जी ने पहला काम वो कानून हटाने का किया। राहुल गांधी ने कहा कि हमने 27 करोड़ लोगों को 10 साल में गरीबी से निकाला जबकि पिछले आठ साल में नरेंद्र मोदी सरकार ने 23 करोड़ लोगों को वापस गरीबी में डाल दिया।
राहुल गांधी ने कहा कि मोदी जी कहते हैं कि 70 साल में कांग्रेस ने क्या किया? कांग्रेस ने ये किया है कि उनके जैसी महंगाई देश को नहीं दी। उन्होंने कहा कि डर और नफरत के माहौल से फायदा चीन और पाकिस्तान को होगा। जितनी नफरत फैलेगी, उतना ही हिंदुस्तान कमजोर होगा। कांग्रेस पार्टी की विचारधारा और कार्यकर्ता ही देश को प्रगति के रास्ते पर ले जा सकते हैं। कांग्रेस के कार्यकर्ता देश और संविधान को बचाने के लिए लड़ रहे हैं।
अमित शाह बोले- कांग्रेस के बहकावे में न आएं
अहमदाबाद। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को युवाओं को कांग्रेस के अभियानों और वादों से बचने की सलाह देते हुए कहा कि ऐसा करने से गुजरात का विकास ठप हो सकता है। राज्य में कांग्रेस और भाजपा के शासन में अंतर बताते हुए शाह ने कहा, कांग्रेस के शासन के दौरान, प्राथमिक स्कूलों में ड्रॉपआउट रेट 37 प्रतिशत था, अहमदाबाद शहर में साल में 200 दिनों के लिए कर्फ्यू लगा रहता था और सांप्रदायिक दंगे होना आम बात थी।
गृहमंत्री ने दावा किया कि राज्य और केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकारों ने राज्य को विकास के पथ पर खड़ा कर दिया है, अब ड्रॉपआउट रेट लगभग शून्य है, कर्फ्यू अतीत की बात हो गई है, यदि आप किशोर या युवाओं के सामान्य ज्ञान का टेस्ट लें तो 2002 के बाद पैदा हुए लोगों को नहीं पता होगा कि कर्फ्यू क्या होता है। उन्होंने आरोप लगाया कि जब भी चुनाव नजदीक आते हैं, कांग्रेसियों को जनता तक पहुंचने और बड़े-बड़े वादे करने की बेताबी हो जाती है, लेकिन उनके पास भाजपा और उसके नेतृत्व की तरह दूरदिूष्ट, दृढ़ संकल्प या प्रतिबद्धता नहीं है।
शाह ने स्मार्ट स्कूलों का उद्घाटन करने के बाद अहमदाबाद नगर निगम और निर्वाचित पदाधिकारियों की स्मार्ट स्कूलों के विकास और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई नई शिक्षा नीति के प्रति उनकी प्रतिबद्धता की सराहना की। शाह ने रविवार को जिन चार स्मार्ट स्कूलों का उद्घाटन किया, उन्हें 9.50 करोड़ रुपये के निवेश से विकसित किया गया है। इन चार स्कूलों के चलते अहमदाबाद में कुल स्मार्ट स्कूलों की संख्या 23 हो गई है।