पीलीभीत। उत्तर प्रदेश के पीलीभीत टाइगर रिजर्व (पीटीआर) में गन्ने के खेतों में घर बनाने वाले 27 बाघों को अब चित्रकूट में रानीपुर टाइगर रिजर्व (आरटीआर) में भेजा जाएगा। स्थानीय बोलचाल में ‘गन्ना टाइगर’ के नाम से पहचाने जाने वाले ये बाघ पीटीआर के बाहरी इलाके में रहने वाली स्थानीय आबादी के लिए खतरा बनकर उभरे हैं, इसलिए उनको शिफ़्ट किया जाएगा।

वैसे भी, उत्तर प्रदेश में नवस्‍थापित चौथे आरटीआर में बाघों की कोई आबादी नहीं है। वन अधिकारियों के अनुसार, बाघों को स्थानांतरण का मकसद पीलीभीत और लखीमपुर खीरी के ‘गन्ना बाघों’ को सुरक्षा प्रदान करना और रानीपुर रिजर्व में बाघों की आबादी सुनिश्चित करना है।

प्रदेश के मुख्य वन संरक्षक (प्रोजेक्ट टाइगर) सुनील चौधरी ने कहा क‍ि जल्द ही ‘गन्ना टाइगर्स’ की जमीनी स्थिति का विश्लेषण करने के लिए ट्रांसलोकेशन प्रोजेक्ट को आकार देने पर काम किया जा रहा है।
बता दें क‍ि पीलीभीत के माला रेंज के जंगल में रहने वाले ये गन्‍ना बाघ आबादी में पहुंच जाते हैं। इससे कई बार यह लोगों पर हमला कर देते हैं और कई बार इन पर लोग हमला कर देते हैं।

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