नई दिल्ली। महाराष्ट्र हाथ से फिलसने के बाद कर्नाटक भाजपा नेताओं के दिलो की धड़कनों को बढा रहा था, लेकिन चुनाव परिणाम उनके चेहरों पर खुशी लेकर आते हुए लग रहे हैं। येदुरप्पा की सरकार बच गई है और कांग्रेस को एक बड़े नुकसान का सामना करना पड़ा है। दलबदलू विधायकों पर जनता ने भी अपने समर्थन की मोहर लगाते हुए मुख्यमंत्री येदुरप्पा को बहुमत की संजीवनी दे दी है।
अब तक के रुझान बता रहे हैं कि कांग्रेस 12 में से 09 सीटें गंवा देगी। भाजपा के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा (BS Yediyurappa) के लिए यह उपचुनाव संजीवनी साबित होंगे क्योंकि कर्नाटक में भाजपा की सरकार को सरकार बनाये रखने के लिए कम से कम सात विधायकों की जरुरत है मगर उपचुनाव के नतीजे इशारा कर रहे हैं कि भाजपा करीब 12 सीटें इस चुनाव में प्राप्त कर लेगी।
जुलाई में कांग्रेस-जेडीएस (Congress-JDS) के कुल 17 विधायकों के इस्तीफे के कारण एचडी कुमारस्वामी (HD Kumaraswamy) की गठबंधन सरकार गिर गई थी. इसके बाद बीएस येदियुरप्पा के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनी थी. इन विधायकों को तत्कालीन स्पीकर ने अयोग्य करार देकर चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी थी. मगर, सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर में इन अयोग्य करार दिए गए विधायकों को चुनाव लड़ने की अनुमति दी थी. वैसे तो विधायकों के इस्तीफे से खाली हुईं कुल 17 सीटों पर चुनाव होना था. मगर दो सीटों का मामला कोर्ट में होने के कारण फिलहाल 15 सीटों पर ही चुनाव हुए थे।
मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने दावा किया है कि उनकी पार्टी कम से कम 13 सीटें जीतेंगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा को 13 सीटें मिलेंगी, जबकि शेष दो सीटें कांग्रेस और जेडीएस को मिलेंगी। मतगणना से पहले राज्य के नेताओं ने रविवार को मंदिरों और मठों में पूजा कर जीत का आशीर्वाद मांगा. मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा धर्मस्थल गए और भगवान मंजूनाथ का आशीर्वाद लिया. मंत्रोच्चारण के बीच येदियुरप्पा ने चुनावों में अपनी पार्टी की जीत और अगले साढ़े तीन वर्ष का कार्यकाल सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए विशेष पूजा-अर्चना की। वहीं, पूर्व प्रधानमंत्री और जेडीएस प्रमुख एचडी देवगौड़ा महाराष्ट्र के शिरडी में साईंबाबा मंदिर गए. देवगौड़ा ने कहा, ‘मेरे लिए राम और रहीम एक ही हैं. मैंने साईंबाबा से देश की बेहतरी और विकास की प्रार्थना की.’। पांच दिसंबर को हुए चुनाव में 67.91 प्रतिशत वोटिंग हुई थी।